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नशे के चंगुल में फंसे लोगों की घर-घर होगी पहचान, सरकार ने छेड़ा बड़ा अभियान

नशीली दवाओं की गलत तरीके से इस्तेमाल करने वालों की पहचान के लिए देश में पहली बार इतने बड़े पैमाने पर अभियान शुरू किया जा रहा है।

By Tilak RajEdited By: Published: Thu, 15 Feb 2018 09:36 PM (IST)Updated: Thu, 15 Feb 2018 09:36 PM (IST)
नशे के चंगुल में फंसे लोगों की घर-घर होगी पहचान, सरकार ने छेड़ा बड़ा अभियान
नशे के चंगुल में फंसे लोगों की घर-घर होगी पहचान, सरकार ने छेड़ा बड़ा अभियान

अरविंद पांडेय, नई दिल्ली। नशीली दवाओं के दुरुपयोग में फंसे लोगों की अब हर घर से पहचान होगी। सरकार ने ऐसे लोगों का पता लगाने के लिए देश भर में बड़े पैमाने पर सर्वेक्षण शुरू किया है। इसके पहले चरण में पंजाब, मिजोरम के सभी जिलों सहित देश के 185 जिलों को शामिल किया गया है, जहां सर्वेक्षण का कार्य जोरों पर चल रहा है। सरकार का दावा है कि ऐसे लोगों की पहचान के बाद ही इनके पुनर्वास का काम होगा। फिलहाल पहले चरण के सर्वेक्षण का काम अप्रैल तक पूरा हो जाएगा।

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सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के मुताबिक, सर्वे की प्रारम्भिक रिपोर्ट में इन जिलों से करीब छह लाख व्यक्तियों की पहचान की गई है, लेकिन सर्वे अभी जारी है। ऐसे में यह आंकड़ा और भी बढ़ सकता है। मंत्रालय ने पहली बार ऐसे लोगों के पुनर्वास के लिए 200 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। इसके तहत देश के 15 सबसे प्रभावित जिलों में पहले चरण में प्रायोगिक तौर पर पुनर्वास कार्य होगा।

मंत्रालय ने इस दौरान इनके पुनर्वास को लेकर जो योजना बनाई है, उसके तहत राज्य की प्रमुख जेलों, बाल सुधार गृह और सभी प्रमुख सरकारी अस्पतालों में उपचार क्लीनिक खोले जाएंगे। ऐसे लोगों को एक निश्चित समय-सीमा तक रख कर नशे की लत छुड़ाने के लिए ईलाज किया जाएगा।

नशीली दवाओं की गलत तरीके से इस्तेमाल करने वालों की पहचान के लिए देश में पहली बार इतने बड़े पैमाने पर अभियान शुरू किया जा रहा है। मंत्रालय का मानना है कि ऐसे लोगों की पहचान के बाद काम करने में उन्हें आसानी होगी। पंजाब, मिजोरम और मणिपुर जैसे अन्तर्राष्ट्रीय सीमाओं से लगे राज्यों में नशीली दवाओं और ड्रग्स आदि का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर होता है। ड्रग्स की आवाजाही पर सख्ती से रोकथाम के साथ इसमें फंसे लोगों को इस लत से निकालने की कोशिश भी की जा रही है।

उपचार क्लीनिक
मंत्रालय ने इसके साथ ही देश भर में चल रहे नशा मुक्ति केंद्रों का नाम बदलकर इन्हें उपचार क्लीनिक करने का फैसला लिया है। इसे लेकर सभी राज्यों को निर्देश जारी कर दिए गए है। नशा मुक्ति केंद्र जैसे नाम से इस लत में फंसे लोगों के ऊपर एक तरीके का मनोवैज्ञानिक दबाव पड़ता था। ऐसे में यहां लोग जाने से कतराते थे। लेकिन नाम बदल जाने के बाद लोगों को इन क्लीनिकों में ईलाज कराने में आसानी होगी।


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