Move to Jagran APP

लॉकडाउन में ऑनलाइन मेडिटेशन का क्रेज: 'मेडिटेट विद श्री श्री' गूगल पर सर्वाधिक हुआ सर्च

महामारी की चिंता के बीच बड़ी संख्या में लोग शांति और सुकून की तलाश कर रहे हैं। लॉकडाउन में मेडिटेशन की ओर लोगों का ध्यान है तभी श्रीश्री गूगल सर्च के स्टार बन गए हैं।

By Monika MinalEdited By: Published: Tue, 19 May 2020 05:28 PM (IST)Updated: Tue, 19 May 2020 05:28 PM (IST)
लॉकडाउन में ऑनलाइन मेडिटेशन का क्रेज:  'मेडिटेट विद श्री श्री'  गूगल पर सर्वाधिक हुआ सर्च
लॉकडाउन में ऑनलाइन मेडिटेशन का क्रेज: 'मेडिटेट विद श्री श्री' गूगल पर सर्वाधिक हुआ सर्च

नई दिल्ली, [स्मिता]। शांति और सुकून की तलाश में बड़ी संख्या में लोग  'मेडिटेट विद श्री श्री' वर्ड को गूगल पर सबसे अधिक सर्च कर रहे हैं।  पिछले कुछ दिनों में ही यह  सबसे अधिक सर्च किया जाने वाला कीवर्ड बन गया है। कोरोना महामारी से उत्पन्न शारीरिक व मानसिक परेशानी, चिंता, भय, अकेलेपन की भावना को दूर करने में लोग इसकी मदद ले रहे हैं। इस बात की सूचना खुद गूगल ने ट्वीट कर दी है। 

loksabha election banner

आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर कोरोना महामारी से हताश हुए लोगों को लगातार अपनी प्रेरक व यथार्थपरक बातों से उत्साहित करते रहते हैं। उनकी निराशा को खत्म कर मन में आशा के दीप जलाते रहते हैं। श्री श्री कहते हैं कि इस महामारी से तनिक भी घबराने या चिंतित होने की जरूरत नहीं है। जीवन में जब सुख आता है, तो दुख का आना भी निश्चित है। यह हानि-लाभ, जय-पराजय की तरह अवश्यंभावी है।  

मुसीबत में पहचानें अपनी ताकत  

  वे इस बात पर जोर देते हैं कि हम सुख की कामना तो करते हैं, पर दुख से डरते हैं। विजय किसे नहीं भाती पर पराजय की मार बिरला ही सह पाता है।  युवावस्था में सभी कुछ न कुछ बड़ा करने के स्वप्न देखते हैं। आज के युग में कितने ही युवा स्टार्टअप्स आरंभ करते हैं, पर उनमें से कुछ ही सफल हो पाते हैं। जो सफल होते हैं, उन्होंने अपने पथ में आने वाली बाधाओं से हार नहीं मानी। वे कई बार असफल भी हुए, लेकिन अपना प्रयत्न नहीं छोड़ा। उन्होंने किसी भी स्थिति में अपने उत्साह को घटने नहीं दिया, बल्कि आगे बढ़ते रहने की प्रेरणादायक सीख को अपनाया। 

अब प्रश्न यह उठता है कि प्रेरणादायक बातें तो सभी सुनते हैं, पर सब पर उनका असर एक-सा क्यों नहीं होता? इसका जवाब जानने से पहले वे लोगों को खुद से पूछने कहते हैं।  क्या हम वास्तव में आंतरिक प्रेरणा और बाहरी प्रेरणा के बीच के अंतर को समझते हैं? जो प्रेरणा बाहर से आती है, वह क्षणिक प्रभाव डाल सकती है, दूसरी ओर, प्रेरणा जो भीतर से आती है, अधिक प्रभावी और लंबे समय तक चलने वाली है। इस संकट के समय भी हमें भी अंत:प्रेरणा की शक्ति को समझना होगा। उन्हें जगाना होगा। 

ट्वीट कर गूगल ने दी जानकारी  

जब से लॉक डाउन शुरू हुआ है,तब से कुछ ऐसी ही प्रेरणादायी बातें आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर लगातार अपने ऑनलाइन मेडिटेशन प्रोग्राम से पहले कहते आ रहे हैं। वर्तमान परिस्थिति के कारण जो बाहर अनिश्चितता पसरी है, उससे उबरने के लिए अपने भीतर शांति और आनंद खोजने में लगे प्रतिदिन 20 लाख लोगों को वे ध्यान-साधना से जोड़ रहे हैं। मेडिटेट विद श्री श्री ध्यान कार्यक्रम प्रतिदिन दोपहर 12 बजे और शाम 7.30 बजे कराया जाता है। के माध्यम से अधिक से अधिक लोग अपने मन में शांति तथा चिंता- तनाव से छुटकारा पाने के रास्ते खोज रहे हैं। हाल ही में गूगल के एक ट्वीट में यह बताया गया कि "मेडिटेट विद श्री श्री" पिछले कुछ दिनों में सबसे अधिक सर्च किया जाने वाला कीवर्ड है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.