सीपीसीबी ने कोरोना कचरा निस्तारण पर कहा, दस्ताने फेंकने से पहले काट कर 72 घंटे घर में रखें
सीपीसीबी ने कहा है कि इस्तेमाल किए जा चुके मास्क का निस्तारण करने से पहले उन्हें काट कर कम से कम 72 घंटे तक कागज के थैलों में रखा जाना चाहिए।
नई दिल्ली, पीटीआइ। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Central Pollution Control Board, CPCB) ने कोरोना कचरा के संबंध में अपने नए दिशानिर्देश में कहा है कि इस्तेमाल किए जा चुके मास्क और दस्तानों का निस्तारण करने से पहले उन्हें काट कर कम से कम 72 घंटे तक कागज के थैलों में रखा जाना चाहिए। बोर्ड ने कहा कि जरूरी नहीं है कि ये मास्क और दस्ताने संक्रमित व्यक्ति द्वारा इस्तेमाल में लाए गए हों।
सीपीसीबी ने शॉपिंग मॉल जैसे वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों और कार्यालयों को भी व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) के निपटारे के लिए इसी कार्यप्रणाली का पालन करने का निर्देश दिया है। सीपीसीबी ने कहा, वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों, शॉपिंग मॉल, संस्थानों, कार्यालयों आदि में आम आदमी के बेकार पीपीई को अलग कूड़ेदान में तीन दिन तक रखना चाहिए, उनका निपटारा उन्हें काट कर ठोस कचरे की तरह करना चाहिए।
सीपीसीबी ने कहा कि बेकार हो चुके मास्क और दस्तानों को फेंकने से पहले उन्हें काट कर कम से कम 72 घंटों तक ठोस कचरे की तरह कागज के थैले में रखा जाना चाहिए। यह चौथा मौका है, जब सीपीसीबी ने कोरोना से जुड़े बायो-मेडिकल कचरे पर दिशानिर्देश जारी किया है। सीपीसीबी ने कहा है कि संक्रमित रोगियों द्वारा छोड़े गये भोजन या पानी की खाली बोतलों आदि को बायो-मेडिकल कचरा के साथ एकत्र नहीं किया चाहिए। पीले रंग के थैले का इस्तेमाल सामान्य ठोस कचरा एकत्र करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि यह कोरोना से जुड़े बायो-मेडिकल कचरा के लिए है।
सीपीसीबी ने कहा कि कोरोना पृथक वार्ड से एकत्र किए गए इस्तेमाल हो चुके चश्मे, फेसशील्ड, एप्रन, प्लास्टिक कवर, हजमत सूट, दस्ताने आदि पीपीई को अवश्य ही लाल थैले में एकत्र करना चाहिए। दिशानिर्देश में कहा गया है, इस्तेमाल किए जा चुके मास्क (तीन परत वाले मास्क, एन 95 मास्क आदि), हेड कवर/कैप आदि को पीले रंग के थैले में एकत्र करना चाहिए।