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सोलर मॉड्यूल निर्माण में 93 हजार करोड़ के निवेश का रास्ता साफ, रिलायंस, टाटा पावर, JSW को मिला कॉन्‍ट्रैक्‍ट

सोलर मॉड्यूल्स सौर ऊर्जा बनाने के सबसे आवश्यक उपकरण है। कई सारे सोलर सेल्स को जब एक पैनल में जोड़ कर तैयार किया जाता है तो उसे मॉड्यूल्स के तौर पर जाना जाता है। यह सूर्य के प्रकाश को अवशोषित कर उसे ऊर्जा में बदलने में मदद करते हैं।

By Jagran NewsEdited By: Ashisha Singh RajputPublished: Tue, 28 Mar 2023 06:17 PM (IST)Updated: Tue, 28 Mar 2023 06:17 PM (IST)
39.6 हजार मेगावाट क्षमता के मॉड्यूल बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। सौर ऊर्जा के लिए जरूरी मॉड्यूल के घरेलू स्तर पर निर्माण को प्रोत्साहन देने की सरकार की योजना अब रफ्तार पकड़ने लगी है। बिजली मंत्रालय ने सोमवार को देश में 39,600 मेगावाट क्षमता की परियोजनाओं के लिए आवश्यक सोलर पीवी मॉड्यूल का निर्माण घरेलू स्तर पर करने का ठेका 11 कंपनियों को प्रोडक्शन लिंक्ड स्कीम (पीएलआइ) के तहत दिया है। इसमें रिलायंस, जेएसडब्लू, टाटा पावर सोलर, रीन्यू जैसी दिग्गज कंपनियां हैं।

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कुल 93,041 करोड़ रुपये का निवेश

पीएलआइ की तहत सरकार कुल 14,007 करोड़ रुपये का आवंटन करेगी। लेकिन इन कंपनियों की तरफ से कुल 93,041 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा और इन परियोजनाओं में प्रत्यक्ष व परोक्ष तौर पर एक लाख लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान किये जाएंगे। बिजली मंत्री आर के सिंह ने बताया है कि अगले तीन वर्षों में देश में 48 हजार मेगावाट क्षमता की परियोजनाओं के लिए सोलर मॉड्यूल्स बनाने की क्षमता स्थापित होगी।

मॉड्यूल बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी

इसका एक फायदा यह होगा कि आयात पर निर्भरता कम होगी और हम वैश्विक आपूर्ति चेन में अस्थिरता को भी सहन कर सकेंगे। सोलर मॉड्यूल्स बनाने के लिए पीएलआइ के पहले चरण में भी 8,737 मेगावाट क्षमता के लिए मॉड्यूल्स बनाने का कांट्रेक्ट दिया गया है। इन दोनों में पीएलआइ के तहत सरकार कुल 18,500 करोड़ रुपये की सब्सिडी दे रही है।सरकार ने पीएलआइ के दूसरे चरण में एक साथ इतनी बड़ी क्षमता स्थापित करने की मंजूरी तब दी है जब यह खबर लगातार आ रही है कि सौर ऊर्जा से जुड़ी भारतीय कंपनियों के लिए चीन से सोलर मॉड्यूल आयात करने के अलावा और कोई चारा नहीं है।

पीएलआइ के पहले और दूसरे चरण में

सोलर मॉड्यूल्स सौर ऊर्जा बनाने के सबसे आवश्यक उपकरण है। कई सारे सोलर सेल्स को जब एक पैनल में जोड़ कर तैयार किया जाता है तो उसे मॉड्यूल्स के तौर पर जाना जाता है। यह सूर्य के प्रकाश को अवशोषित कर उसे ऊर्जा में बदलने में मदद करते हैं। पीएलआइ के पहले और दूसरे चरण में जो ठेके दिए जा रहे हैं उनके प्लांट से उत्पादन अक्टूबर, 2024 से शुरु होने की संभावना है।

सरकार की तरफ से दी गई सूचना के मुताबिक अक्टूबर, 2024 से 7400 मेगावाट क्षमता के मॉड्यूल्स का निर्माण शुरु हो जाएगा। क्षमता अप्रैल, 2025 में 16,800 मेगावाट की और वृद्धि होगी जबकि अप्रैल, 2026 तक 15,400 मेगावाट की क्षमता और जोड़ दी जाएगी।


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