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हाथों में रोटी और गिलास में सब्जी...यहां भीख की तरह मरीजों को मिल रहा भोजन

अस्‍पतालों की खस्‍ताहाल स्थिति से तो आप वाकिफ ही होंगे, मगर एक अस्‍पताल में मरीजों के साथ हो रहे व्‍यवहार के बारे में जान कर आप जरूर हिल जाएंगे।

By Pratibha KumariEdited By: Published: Thu, 11 Jan 2018 10:59 AM (IST)Updated: Thu, 11 Jan 2018 11:12 AM (IST)
हाथों में रोटी और गिलास में सब्जी...यहां भीख की तरह मरीजों को मिल रहा भोजन
हाथों में रोटी और गिलास में सब्जी...यहां भीख की तरह मरीजों को मिल रहा भोजन

मुरैना, नई दुनिया। मध्‍य प्रदेश के एक अस्‍पताल में मरीजों के साथ हो रहे व्‍यवहार को जानकर आप वाकई में हिल जाएंगे। स्वास्थ्य मंत्री रुस्‍तम सिंह के गृह जिले मुरैना में मरीजों को भीख की तरह सुबह-शाम भोजन दिया जाता है। भोजन लेकर आने वाली ट्रॉली वार्ड में भर्ती मरीजों को हाथ में रोटी थमा देती है और दलिया व सब्जी मरीज को तब ही मिलता है, जब उसके पास बर्तन हो। ज्यादातर मरीज गिलास में सब्जी लेते हैं और हाथ में रोटियां।

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50 रुपए हैं तो ही मिलेगी थाली

स्वास्थ्य विभाग की तरफ से मरीजों को थालियों में भोजन देने की व्यवस्था है। मगर जिला अस्पताल ने नि:शुल्क भोजन के लिए थाली का शुल्क 50 रुपए तय कर दिया है। अब 50 रुपए है तो ही थाली में मरीजों को भोजन मिलेगा। यह 50 रुपए थाली की जमानत राशि है।

मरीजों को जाना पड़ता है किचन

अस्पताल में भर्ती मरीजों की मानें तो थाली या बर्तन के लिए प्रबंधन ने अपना नियम बना रखा है। इसके तहत मरीज को अगर थाली चाहिए तो उसे किचन में जाना होगा। यहां उसे 50 रुपए जमानत के तौर पर जमा करने होंगे, जिसके बाद उसे थाली मिलेगी। जब मरीज की छुट्टी होगी तो उसे थाली साफ करके जमा करनी होगी। इसके बाद ही पैसा वापस मिलेगा, नहीं तो जमानत जब्त।

अस्‍पताल में है ये नियम

मरीजों को भोजन के अलावा दूध-दलिया भी दिया जाता है। नियमानुसार मरीज को उसके बेड पर ट्रॉली से थाली परोस कर दी जाती है। इसके बाद मरीज या उसका अटेंडेंट थाली का उपयोग करते हैं और फिर धोकर वापस कर देते हैं।

एसके सक्सेना, सिविल सर्जन से सीधी बात

प्रश्न- मरीजों को हाथ में रोटी और गिलास में दाल क्यों देते हैं?
उत्तर-- नहीं देते हाथ में। हमने बर्तनों की व्यवस्था करवाई है। कैंटीन में थाली रखी हैं। वहां से मरीज टोकन अमाउंट देकर थाली लाएं।

प्रश्न- ये टोकन व्यवस्था अपने जिले में ही है या सभी जगह?
उत्तर- सभी जगह का नहीं पता, लेकिन मैंने अपने यहां इसलिए करवाई है, क्योंकि कोई भी सिस्टर जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं थी। कहती थीं कि चोरी हो गई तो अपने वेतन से कटवाएंगे?

प्रश्न- लेकिन आज भी भोजन हाथ में ही बंट रहा था?
उत्तर- नहीं मरीज अपने बर्तन लाते हैं। अब आदमी 10--20 रपए भी जमा नहीं करता थाली के लिए तो क्या करें?

प्रश्न-- लेकिन टोकन अमाउंट तो 50 रुपए है।
उत्तर-- हां वो जो भी है (इसके बाद सीएस ने फोन काट दिया)

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