Move to Jagran APP

जानिए कौन हैं हार्दिक पटेल, जिसने उड़ा रखी है गुजरात सरकार की नींद

गुजरात में इन दिनों आरक्षण की आग भड़की हुई है। राज्य में पटेल आरक्षण को लेकर चल रहा आंदोलन सरकार के लिए अब सिरदर्द बन चुका है। पटेल समाज शिक्षा और सरकारी नौकरियों में आरक्षण की मांग कर रहा है। वहीं, सरकार को पाटीदारों द्वारा चलाए जा रहे इस आंदोलन

By Sachin kEdited By: Published: Sun, 23 Aug 2015 12:24 PM (IST)Updated: Sun, 23 Aug 2015 03:34 PM (IST)

अहमदाबाद। गुजरात में इन दिनों आरक्षण की आग भड़की हुई है। राज्य में पटेल आरक्षण को लेकर चल रहा आंदोलन सरकार के लिए अब सिरदर्द बन चुका है। पटेल समाज शिक्षा और सरकारी नौकरियों में आरक्षण की मांग कर रहा है। वहीं, सरकार को पाटीदारों द्वारा चलाए जा रहे इस आंदोलन से निपटने के लिए बहुत ज्यादा मशक्कत करनी पड़ रही है। शहर में जगह-जगह अपनी मांग के पक्ष में उतरे लोग आरक्षण से कम की बात करने को भी तैयार नहीं हैं। राज्य में पटेल समुदाय को भाजपा के प्रमुख वोट बैंकों में से एक माना जाता है।

loksabha election banner

22 वर्षीय लड़के ने उड़ा रखी है सरकार की नींद

इस आंदोलन द्वारा गुजरात सरकार की नींद उड़ा देने वाले शख्स का नाम है हार्दिक पटेल। सिर्फ 22 वर्ष के हार्दिक ने ही 6 जुलाई को गुजरात के महेसाणा में आयोजित एक छोटी-सी रैली को अब विशाल रूप दे दिया है। वे हार्दिक पटेल ही हैं, जिन्होंने सोमवार को सूरत में आयोजित रैली में 5 लाख से अधिक पटेलों को एक ही जगह एकत्रित कर दिखाया। इतना ही नहीं, हार्दिक अब अहमदाबाद में 25 अगस्त को महारैली का आयोजन करने जा रहे हैं, जिसमें 25 लाख पाटीदार पटेलों के एकत्रित होने की बात कही जा रही है। हालांकि, गुजरात सरकार ने इस महारैली के लिए अब तक अनुमति नहीं दी है।

अहमदाबाद से करीब 80 किलोमीटर दूर वीरमगाम तहसील के चंद्रनगर गांव में रहने वाले हार्दिक पटेल वाणिज्य विषय से स्नातक हैं। उन्होंने साल 2011 में सेवादल से अलग होकर वीरमगाम में एसपीजी यानी सरदार पटेल सेवादल शुरू किया था। हार्दिक के पिता भाजपा पार्टी से जुड़े हुए हैं।

गुजरात सरकार ने 7 मंत्रियों की समिति बनाई

हार्दिक पटेल के दो महीने के आंदोलन के बाद गुजरात की सीएम आनंदीबेन पटेल ने 7 मंत्रियों की एक समिति बना दी है जो मांगों पर विचार कर रही है, लेकिन हार्दिक पटेल का कहना है कि इस समिति पर उन्हें कोई भरोसा नहीं है।

आंदोलन के पीछे राजनीतिक समर्थन की बात

हार्दिक बताते हैं कि पिछले एक महीने के दौरान उन्होंने राज्य के 12 जिलों का दौरा किया है। साथ ही, पाटीदार अनामत आंदोलन समिति के संयोजक के तौर पर कई रैलियों को भी संबोधित किया है। हालांकि, इस आंदोलन के लोकप्रिय होने और इसे मिले समर्थन के पीछे मजबूत राजनैतिक समर्थन का हाथ बताया जा रहा है, लेकिन हार्दिक किसी भी तरह के राजनैतिक प्रभाव की बात से साफ इनकार करते हैं। यह बात अलग है कि उनके पिता भाजपा कार्यकर्ता हैं।

संबंधित अन्य खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.