आतंकी हमले की पल-पल की जानकारी लेते रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
पठानकोट एयर फोर्स बेस पर हुए आतंकवादी हमले की केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने पहले से जानकारी जुटा ली थी। सुबह आत्मघाती हमले के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने इससे निपटने की कमान संभाल ली। वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी लगातार इस बारे में जानकारी दे रहे
नई दिल्ली। पठानकोट एयर फोर्स बेस पर हुए आतंकवादी हमले की केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने पहले से जानकारी जुटा ली थी। इसके साथ-साथ कई घंटे पहले ही इससे निपटने की तैयारी भी शुरू कर दी गई थी। शनिवार सुबह आत्मघाती हमले के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने इससे निपटने की कमान संभाल ली। वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी लगातार इस बारे में जानकारी दे रहे थे।
दोपहर बाद रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय बैठक में इस पूरे आपरेशन की समीक्षा की गई। इसमें सभी महत्वपूर्ण ठिकानों को सुरक्षित रखने की योजना भी तैयार की गई। इससे पहले वायुसेना के तकनीकी क्षेत्र में ही प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री की मुलाकात तथा इस बाबत चर्चा हो गई थी।
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पठानकोट एयर फोर्स बेस में चल रहे ऑपरेशन की जमीनी कमान जहां पश्चिमी एयर कमान के कमांडिंग इन चीफ संभाल रहे थे, वहीं दिल्ली से डोभाल लगातार केंद्रीय एजेंसियों के बीच तालमेल का काम देख रहे थे। वे हर अहम जानकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी दे रहे थे। केंद्र से शीर्ष स्तर पर हिदायत दी गई थी कि इस मामले में बयानबाजी से पूरी तरह बचा जाए। किसी भी तरह का बयान सिर्फ गृह मंत्री राजनाथ सिंह को ही देने को कहा गया।
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सूत्रों के मुताबिक शीर्ष स्तर पर इस मामले पर संतोष जताया गया कि पहले से न सिर्फ सटीक खुफिया सूचना जुटा ली गई, बल्कि इसके आधार पर तैयारियां भी शुरू कर दी गईं। इसकी वजह से फिदायीन हमले के लिए आतंकियों के घुसते ही उसकी खबर लग गई और उन्हें महत्वपूर्ण तकनीकी क्षेत्र की ओर जाने नहीं दिया गया।
रक्षा मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि एयर फोर्स बेस के पूरे इलाके पर आसमान से नजर रखी जा रही थी। पूरे अभियान में सेना, विशेष सैनिक बल, एनएसजी और पंजाब पुलिस ने एक साथ मिल कर मोर्चा संभाला।
हमले का देंगे मुंहतोड़ जवाब
शनिवार शाम लगभग पौने सात बजे यह आपरेशन समाप्त होते ही गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने रक्षा बलों को इसके लिए बधाई दी। साथ ही उन्होंने कहा, "यदि हमारी सुरक्षा एजेंसियों ने पहले से सावधानी नहीं बरती होती तो शायद बहुत बड़ा हादसा हो सकता था। इसके लिए हमारे सेना और सुरक्षा एजेंसियों और पुलिस के लोग बधाई के पात्र हैं।
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सचमुच हम लोगों को अपने देश के जवानों और राज्य की पुलिस पर नाज है।" प्रधानमंत्री की ताजा पाक यात्रा के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "सबके साथ हम हमेशा शांति के पक्षधर हैं, लेकिन कोई भारत की सुरक्षा के ऊपर सवाल खड़े करने की कोशिश करेगा तो उसका मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।" हालांकि उन्होंने विपक्ष की ओर से किए जा रहे हमलों का कोई जवाब देने से इंकार कर दिया।
पर्रिकर ने की समीक्षा
हमले के समय रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर गोवा में थे। हमले की खबर मिलते ही वे तुरंत दिल्ली वापस लौट आए। दोपहर बाद उन्होंने तीनों सेनाओं के प्रमुखों, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और खुफिया एजेंसियों रॉ व आईबी के प्रमुखों के साथ बैठक की। इस दौरान आपरेशन की समीक्षा करने के अलावा दूसरे अहम ठिकानों को सुरक्षित करने पर भी विचार किया गया।
"मानवता के जो दुश्मन भारत की तरक्की नहीं देख सकते, ऐसे लोगों ने पठानकोट में हमला किया। लेकिन हमारे जवानों ने उन्हें कामयाब नहीं होने दिया। मुझे अपने जवानों और सुरक्षा बलों पर गर्व है। मैं उनका अभिनंदन करना चाहता हूं।"
"देश की जनता को मैं आश्वस्त करना चाहता हूं कि हमारे सशस्त्र बल दुश्मनों के हर नापाक इरादों को ध्वस्त करने में सक्षम हैं। वे देश की हिफाजत के लिए हर वक्त तैयार रहते हैं।" - नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री