Video : पतंजलि का दावा, कोरोना मुकम्मल इलाज खोजा, जानें दवा में कौन से घटक हैं शामिल
पतंजलि ने दावा किया है कि कोरोना वायरस से लड़ने वाली आयुर्वेदिक दवा खोजी जा चुकी है। पहले चरण में ट्रायल में दवा का 100 फीसद रिजल्ट आया है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट...
हरिद्वार, एएनआइ/जेएनएन। पतंजलि के सीईओ आचार्य बालकृष्ण (Acharya Balkrishna) ने दावा किया है कि कोरोना वायरस का संक्रमण आयुर्वेदिक दवा से पूरी तरह ठीक हो सकता है। उन्होंने कहा कि कंपनी की ओर से काम कर रही वैज्ञानिकों की एक टीम ने दिन रात मेहनत करके ऐसे कंपाउड खोज निकाले हैं जो जानलेवा कोरोना से मुकाबला कर सकते हैं। दवा का पहले चरण में ट्रायल पूरा हो चुका है जिसमें दवा का 100 फीसद रिजल्ट आया है। उन्होंने यह भी बताया कि सैकड़ों मरीज इस दवा को लेने से ठीक हुए हैं और अगले तीन से चार दिनों में इस बारे में डेटा के साथ पूरा विवरण दुनिया के सामने रखेंगे।
#WATCH We appointed a team of scientists after #COVID19 outbreak. Firstly, simulation was done&compounds were identified which can fight the virus. Then, we conducted clinical case study on many positive patients&we've got 100% favourable results: Acharya Balkrishna,CEO Patanjali pic.twitter.com/3kiZB6Nk2o
— ANI (@ANI) June 13, 2020
शत प्रतिशत इलाज संभव
आचार्य बालकृष्ण ने दावा किया कि आयुर्वेद दवाओं का एक खास मिश्रण न सिर्फ कोरोना संक्रमण का शत प्रतिशत इलाज संभव है बल्कि यह मिश्रण संक्रमण से बचाने में भी पुख्ता काम करता है। उन्होंने कहा कि पतंजलि अनुसंधान संस्थान में पांच माह तक चले शोध और चूहों पर कई दौर के सफल परीक्षण के बाद यह सफलता मिली है। इसके लिए जरूरी क्लीनिकल केस स्टडी पूरी हो चुकी है, जबकि क्लीनिकल कंट्रोल ट्रायल अपने अंतिम दौर में है। इसका डेटा उपलब्ध होते ही फाइनल एनालिसिस कर दवा बाजार में उतार दी जाएगी।
100 फीसद आया रिजल्ट
बालकृष्ण ने दावा किया कि उनकी दवा के जरिए पांच से 14 दिन में कोरोना से संक्रमित मरीज ठीक हुए हैं। उन्होंने कहा, 'कोरोना जब फैलना शुरू हुआ था तभी हमने वैज्ञानिकों की टीम अध्ययन के लिए लगा दी थी। हमारे वैज्ञानिकों ने दिन रात लग कर जानलेवा कोरोना से लड़ने और उसकी चपेट में आए लोगों को ठीक करने की जड़ी-बूटियों की पहचान की। इन कंपाउंडों का सैमुलेशन करने के बाद परीक्षण किया गया। ये दवाएं सैकड़ों कोरोना पॉजिटिव मरीजों को दी गईं जिसका 100 फीसद रिजल्ट आया है।'
मात्र 14 दिन में सारे मरीज हुए ठीक
आचार्य बालकृष्ण (Acharya Balkrishna) ने आगे बताया कि जिन कोरोना मरीजों को उक्त दवाएं दी गई उनमें 70 से 80 फीसद मरीज तो केवल पांच से छह दिन में ही ठीक हो गए। बाकी बचे मरीज दवा लेने के अधिकतम 14 दिन में ठीक हो गए। इन मरीजों की जांच कोरोना निगेटिव पाई गई है। यही नहीं जिन गंभीर मरीजों को यह दवा दी गई और वह भी ठीक हो गए। यहां तक कि कफ, बुखार, सांस लेने में तकलीफ जैसी गंभीर समस्याएं भी दूर हो गईं। उन्होंने कहा कि कोरोना का समाधान आयुर्वेद से 100 फीसद संभव है।
ऐसे काम करती है दवा
आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि अश्वगंधा कोविड-19 के आरबीडी को मानव शरीर के एसीई से मिलने नहीं देती है। इससे कोविड-19 वायरस संक्रमित मानव शरीर की स्वस्थ कोशिकाओं में प्रवेश नहीं कर पाता। गिलोय भी अश्वगंधा की तरह काम करता है। यह संक्रमण होने से रोकता है। तुलसी का कंपाउंड कोविड-19 के आरएनए-पॉलीमरीज पर अटैक कर उसके गुणांक में वृद्धि करने की दर को न सिर्फ रोक देता है, बल्कि इसका लगातार सेवन उसे खत्म भी कर देता है। श्वसारि रस गाढ़े बलगम को बनने से रोकता है और बने हुए बलगम को खत्म कर फेफड़ों की सूजन कम कर देता है। इसी तरह अणु तेल का इस्तेमाल नेजल ड्राप के तौर पर कर सकते हैं।
ये हैं दवा के घटक
बालकृष्ण ने बताया कि दवा के मुख्य घटक अश्वगंधा, गिलोय, तुलसी और श्वसारि रस व अणु तेल होंगे। इनका मिश्रण व अनुपात शोध के अनुसार तय किया गया है। उन्होंने दावा किया कि यह सभी दवाएं अपने प्रयोग, इलाज और प्रभाव के आधार पर राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सभी प्रमुख संस्थानों, जर्नल आदि से प्रामाणिक हैं। यहां तक कि अमेरिका के बायोमेडिसिन फार्माकोथेरेपी इंटरनेशनल जनरल में इसका प्रकाशन भी हो चुका है। पतंजलि की ओर से यह दावा ऐसे वक्त में किया गया है जब दुनियाभर में वैज्ञानिक कोरोना की दवा खोजने के लिए दिन-रात एक किए हुए हैं। यदि वाकई में पतंजलि का उक्त दावा सही पाया जाता है तो यह बड़ी उपलब्धि मानी जाएगी।