रेल बजट खत्म करने पर संसदीय समिति ने किए सरकार से सवाल
संसद की स्थाई समिति ने रेल बजट को खत्म करने की घोषणा को लेकर सवाल किए हैं।
नई दिल्ली, (जागरण ब्यूरो)। लोकलुभावन राजनीति का प्रतीक बने रेल बजट को खत्म करने की घोषणा के बाद संसद की एक स्थाई समिति ने सरकार से इस निर्णय के संभावित प्रभावों के बारे में पूछा है। संसद की वित्त मामलों संबंधी स्थाई समिति आम बजट की प्रक्रिया में व्यापक बदलाव तथा रेल बजट को खत्म करने संबंधी फैसले पर अपनी रिपोर्ट तैयार कर रही है। माना जा रहा है कि यह रिपोर्ट संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में पेश की जाएगी।
सूत्रों ने कहा कि शुक्रवार को रेलवे बोर्ड के अधिकारियों ने समिति की बैठक में उपस्थित होकर रेल बजट का आम बजट में विलय करने संबंधी सरकार के फैसले के भारतीय रेल पर पड़ने वाले प्रभावों की जानकारी दी। समिति की यह बैठक आम बजट की प्रक्रिया में प्रस्तावित सुधारों के संबंध में थी। यही वजह है कि इसमें रेल बजट के खत्म होने पर भी चर्चा हुई। इससे पहले वित्त मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी भी छह अक्टूबर को समिति की बैठक में उपस्थित होकर बजट प्रक्रिया में व्यापक बदलावों और उनके विभिन्न पहलुओं की जानकारी दे चुके हैं।
उल्लेखनीय है कि कैबिनेट ने 21 सितंबर को रेल बजट को आम बजट में विलय करने के फैसले को मंजूरी दी थी। केंद्र के इस निर्णय के बाद अलग से रेल बजट पेश करने की 92 साल पुरानी परंपरा खत्म हो जाएगी। सरकार की दलील है कि रेल बजट अलग पेश करने की जब शुरुआत हुई थी, उस समय रेल बजट का आकार आम बजट से बड़ा था। लेकिन बीते वर्षो में रेल बजट का आकार कई मंत्रालयों के सालाना बजट से भी कम है। इसलिए अलग से बजट पेश करने का कोई औचित्य नहीं है। यही वजह है कि सरकार ने नीति आयोग के सदस्य विवेक देबरॉय की अध्यक्षता वाली समिति की सिफारिश के आधार पर रेल बजट को समाप्त करने का फैसला किया है।
सूत्रों ने कहा कि बैठक में आम बजट में योजनागत और गैर योजनागत व्यय के अंतर को खत्म करने संबंधी सरकार के फैसले पर भी विचार किया जाएगा। सरकार ने अगले वित्त वर्ष से बजट में आवंटित राशि का योजनागत और गैर योजनागत व्यय के आधार पर वर्गीकरण को खत्म करने का फैसला किया है। इसके अलावा मध्यावधि व्यय फ्रेमवर्क के संबंध में भी अधिकारी समिति को बताएंगे। बजटीय सुधारों के तहत सरकार ने यह अहम कदम उठाया है। इसके तहत सभी मंत्रालयों अगले दो वर्षो के लिए भी संभावित व्यय का ब्यौरा मांगा है। इसके अलावा बैठक में आम बजट पेश करने की तारीख में भी बदलाव के बारे में विचार किया जाएगा।
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