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वेंकैया नायडू बोले- पीएनबी घोटाले में आरोप मढ़ने से कुछ हासिल नहीं होगा

पंजाब नेशनल बैंक घोटाले समेत कई मुद्दों पर चर्चा को लेकर विगत पांच मार्च से शुरू हुआ बजट सत्र के दूसरे हिस्से में लोकसभा और राज्यसभा लगातार स्थगित होते रहे हैं।

By Tilak RajEdited By: Published: Thu, 15 Mar 2018 07:15 PM (IST)Updated: Thu, 15 Mar 2018 07:15 PM (IST)
वेंकैया नायडू बोले- पीएनबी घोटाले में आरोप मढ़ने से कुछ हासिल नहीं होगा
वेंकैया नायडू बोले- पीएनबी घोटाले में आरोप मढ़ने से कुछ हासिल नहीं होगा

नई दिल्ली, प्रेट्र/आइएएनएस। बैंक महाघोटाले पर चर्चा के तरीके को लेकर सरकार और विपक्ष में मची खींचतान के बीच उप-राष्ट्रपति एम.वेंकैया नायडू ने कहा कि बड़े घोटालों पर व्यापक चर्चा के लिए संसद का कामकाज जरूरी है। ऐसा नहीं होने से ये घोटाले देश की छवि को तो नुकसान पहुंचा ही रहे हैं, हमारी बैंकिंग प्रणाली को लेकर संशय भी पैदा कर रहे हैं।

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क्रेडाई के सालाना सम्मेलन में गुरुवार को राज्यसभा के उप सभापति वेंकैया नायडू ने कहा कि वह पीएनबी घोटाले और अन्य मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार थे, लेकिन दुर्भाग्यवश चर्चा हो ही नहीं रही है। यह विडंबना ही है कि सदस्य (सांसद) चर्चा चाहते हैं, सरकार चर्चा कराना चाहती है और अध्यक्ष भी चर्चा कराने चाहते हैं, लेकिन चर्चा हो ही नहीं पा रही है।

वेंकैया नायडू ने कहा कि यह गलती निकालने में कि किसके कार्यकाल में घोटाले हुए, इसका कोई फायदा नहीं है। मुद्दा यह नहीं है कि घोटाला किसके कार्यकाल में हुआ, अब तो मुद्दा यह है कि लोगों का बैंकिंग प्रणाली से विश्वास ही उठता जा रहा है। मैं उम्मीद करता हूं कि संसद काम करे और तब कोई सकारात्मक और अर्थपूर्ण चर्चा हो, ताकि पता चले कि असल में गड़बड़ी है कहां?

उल्लेखनीय है कि पंजाब नेशनल बैंक घोटाले समेत कई मुद्दों पर चर्चा को लेकर विगत पांच मार्च से शुरू हुआ बजट सत्र के दूसरे हिस्से में लोकसभा और राज्यसभा लगातार स्थगित होते रहे हैं। विपक्ष वोटिंग के साथ वाले नियम के तहत चर्चा चाहता है और सरकार बिना वोटिंग के चर्चा कराना चाहती है।

उप-राष्ट्रपति ने कहा कि नीरव मोदी, मेहुल चोकसी और विजय माल्या के तीन मामले सामने आए हैं। लेकिन इनसे पूरे देश की छवि को बट्टा लग रहा है और वह हमारे सिस्टम की छवि भी तार-तार कर रहे हैं। अब लोग पूरी बैंकिंग प्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं। क्या यह ढांचागत विफलता है? क्या विभिन्न स्तरों पर लोगों का पतन हो गया है? अगर ऐसा है तो कोई कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है।


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