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2001 Parliament Attack : संसद में हमले की 18वीं बरसी, PM मोदी, समेत इन नेताओं ने दी श्रद्धांजलि

संसद में साल 2001 में हुए हमले की आज 18 वीं बरसी है। इस आतंकी हमले में शहीद लोगों को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद समेत कई अधिकारियों ने श्रद्धांजलि अर्पित की।

By Pooja SinghEdited By: Published: Fri, 13 Dec 2019 09:51 AM (IST)Updated: Fri, 13 Dec 2019 12:37 PM (IST)
2001 Parliament Attack : संसद में हमले की 18वीं बरसी, PM मोदी, समेत इन नेताओं ने दी श्रद्धांजलि
2001 Parliament Attack : संसद में हमले की 18वीं बरसी, PM मोदी, समेत इन नेताओं ने दी श्रद्धांजलि

नई दिल्ली,एननआइ। संसद में साल 2001 में हुए हमले की आज 18वीं बरसी है। इस आतंकी हमले में शहीद लोगों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद समेत कई अधिकारियों ने श्रद्धांजलि अर्पित की है। रामनाथ कोविंद ने ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा कि साल 2001 में हुए संसद के हमले में मारे गए लोगों को सलाम करते हैं उन्होंने उन लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की।

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राष्ट्रपति के अलावा केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने भी ट्वीट कर इस हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की है। ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा कि मैं उन सभी लोगों को सलाम करता हूं जिन्होंने उस हमले में अपनी जान गवाई।

गृह मंत्री अमित शाह ने भी ने भी ट्वीट कर शहीद जवानों को नमन किया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि संसद भवन पर हुए आतंकी हमले में आतंकवादियों से लोहा लेते हुए और भारतीय लोकतंत्र कें मंदिर की रक्षा करते हुए शहीद हुए देश के वीर जवानों व उनके परिजनों को कोटि-कोटि नमन। साथ ही उन्होंने लिखा कि आपको बलिदान को सभी सदैव देश की रक्षा, उन्नति व खुशहाली के प्रति अपना सर्वस्व अपर्ण करने के लिए प्रेरित करेगा।

इसके अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी संसद में हुए हमले की श्रद्धांजलि अर्पित की है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि भारत हमेशा उन लोगों द्वारा दी गई अनुकरणीय बहादुरी को याद रखेगा जो 2001 में संसद पर कायरतापूर्ण हमले के दौरान शहीद हो गए थे। उनकी वीरता और बलिदान हमें प्रेरित करते रहेंगे। हम सभी राष्ट्र आज आतंकवाद के खिलाफ एकजुट हैं। वहीं उप-राष्ट्रपति वैंकेया नायडु ने भी इस हमले की बरसी पर श्रद्धांजलि अर्पित की। 

2001 में संसद में आंतकी संगठन ने किया था हमला

आज ही के दिन साल 2001 में आंतकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सदस्य अफजल गुरु के आंतकियों ने अंजाम दिया था। इस हमले का मास्टर माइंड अफजल गुरु था। इस हमले में सुरक्षाकर्मियों ने 5 आतंकियों को मार गिराया था। वहीं 9 लोगों की इस हमले में जान चली गई थी।  

इस हमले के बाद 15 दिसंबर को दिल्ली पुलिस ने आतंकी संगठन-जैश-ए मोहम्मद के सदस्य अफजल गुरु को पकड़ा। इस दौरान इस मामले की सुनवाई करने कर रही ट्रायल कोर्ट ने 18 दिसंबर 2002 अफजल गुरु, शौकत हसन और गिलानी को मौत की सजा सुनाई थी। 

12 साल बाद मिली फांसी

इस हमले के 12 साल बाद 2003 सैयद अब्दुल रहमान गिलानी को हाई कोर्ट से बरी कर दिया था। इसके बाद ये पूरा मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। साल 2005 में शौकत की फांसी की सजा के बदले 10 साल की जेल की सजा सुनाई। इसके बाद 9 फरवरी 2013 को दोषी अफजल गुरु को सूली पर चढ़ाया गया। फांसी के बाद अफजल गुरु के शव को तिहाड़ में दफनाना पड़ा। आखिरी वक्त तक अफजल को यही लगा कि उसको फांसी की सजा नहीं सुनाई जाएगी, क्योंकि उसकी सजा से कश्मीर में हिंसा भड़क जाएगी, लेकिन राष्ट्रपति ने उसकी याचिका को ठुकरा दिया। 


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