परमजीत सिंह सरना को मिली पाकिस्तान जाने की अनुमति, 16 नवंबर से पहले लौटना होगा भारत
कोर्ट ने ने सरना के खिलाफ जारी लुक आउट सर्कुलर को निलंबित करते हुए उन्हें हर हाल में 16 नवंबर या इससे पहले वापस लौटने का आदेश दिया।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। भारत-पाकिस्तान अटारी सीमा पर रोके गए शिरोमणि अकाली दल (दिल्ली) के अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना को ननकाना साहिब की यात्रा के लिए पाकिस्तान जाने की दिल्ली हाई कोर्ट ने अनुमति दे दी है। न्यायमूर्ति नवीन चावला की पीठ ने सरना के खिलाफ जारी लुक आउट सर्कुलर को निलंबित करते हुए उन्हें हर हाल में 16 नवंबर या इससे पहले वापस लौटने का आदेश दिया।
पीठ ने गृह और विदेश मंत्रालय के साथ ही दिल्ली पुलिस के आर्थिक अपराध शाखा से मामले पर जवाब मांगा है। गुर नानक देव की 550वें प्रकाशपर्व पर सरना अटारी सीमा के माध्यम से पाकिस्तान जा रहे थे। धार्मिक जुलूस का नेतृत्व कर रहे सरना को इमिग्रेशन अधिकारियों ने इस आधार पर पाक जाने से रोक दिया था कि वह 2012 में दिल्ली में दर्ज एक धोखाधड़ी के मामले में आरोपित हैं।
पीठ ने याचिका पर अधिकारियों से जवाब मांगते हुए सुनवाई को 22 जनवरी के लिए स्थगित कर दी। सरना ने कहा कि 31 अक्टूबर को उन्हें पता चला कि उनके खिलाफ एलओसी जारी किया गया है। उन्होंने मांग की कि उनके खिलाफ जारी एलओसी रद की जाए। सरना ने कहा कि वह नगर कीर्तन के मुख्य आयोजक थे और उन्हें 12 नवंबर को गुर नानक जयंती पर उपस्थित होना है।
आर्थिक अपराध शाखा ने पीठ के समक्ष कहा कि एफआइआर के आधार पर मिली जानकारी पर 2019 में एलओसी जारी किया गया था। पीठ ने इस पर कहा कि रिपोर्ट फरवरी 2012 में दर्ज हुई थी और पीठ को सरना को पाकिस्तान यात्रा की अनुमति नहीं देने का कोई कारण नहीं दिखता है। पीठ ने इसके साथ ही सरना को निर्देश दिया कि वह शपथ पत्र दाखिल करें कि वह 16 नवंबर या इससे पहले भारत वापस लौट आएंगे।
पीठ ने कहा कि एलओसी तब तक निलंबित रहेगा और याचिकाकर्ता को पाकिस्तान की यात्रा करने की अनुमति दी जाती है। पीठ ने कहा कि सरना को हलफनामे में जानकारी देनी होगी कि उनका पाकिस्तान में यात्रा कार्यक्रम क्या है, वह कहां ठहरेंगे और उनसे संपर्क करने का नंबर क्या होगा। पीठ ने कहा कि सरना को पांच लाख रपए का मुचलका भी रजिस्ट्रार जनरल के पास देना होगा।