Move to Jagran APP

VIDEO: ...जब आतंक विरोधी अभियान में साथ आए भारत-PAK के सैनिक

ये पहली बार है जब भारत और पाकिस्तान के सैनिक एससीओ में एक साथ शिरकत कर रहे हैं।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Tue, 28 Aug 2018 09:37 PM (IST)Updated: Wed, 29 Aug 2018 07:16 AM (IST)
VIDEO: ...जब आतंक विरोधी अभियान में साथ आए भारत-PAK के सैनिक
VIDEO: ...जब आतंक विरोधी अभियान में साथ आए भारत-PAK के सैनिक

नई दिल्ली(जेएनएन)। रूस में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के 8 देशों का आतंक-निरोधी मिलिट्री अभ्यास चल रहा है। इसमें भारत-पाक सहित अन्य सदस्य देशों के 3000 सैनिक भाग ले रहे हैं। ये पहली बार है जब भारत और पाकिस्तान के सैनिक एससीओ में एक साथ शिरकत कर रहे हैं।

loksabha election banner

अभ्यास में रूस के सबसे अधिक 1700 सैनिक, चीन के 700 और भारत के 200 सैनिक हिस्सा ले रहे हैं। इनके अलावा कजाख्स्तान, ताजिकिस्तान, किर्गिस्तान, उजबेकिस्तान के जवान भी शामिल हैं।

चीन ने किया स्वागत
शंघाई को-ऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (SCO) के आतंकवाद रोधी सैन्य अभ्यास पाकिस्तान के साथ भारतीय सैनिकों के हिस्सा लेने के फैसले पर विपक्षी पार्टियों ने जहां केंद्र पर सवाल उठाए हैं, वहीं अब चीन ने दोनों पड़ोसी देशों के इस फैसले का स्वागत किया है। चीन ने उम्मीद जताई है कि दोनों देश क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए बातचीत और सहयोग को द्विपक्षीय तथा बहुपक्षीय तरीके से बढ़ावा दे सकते हैं। 

चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने मीडिया ब्रीफिंग के दौरान कहा कि हम एससीअो फ्रेमवर्क के तहत आतंकवाद रोधी अभ्यास में भारत और पाकिस्तान के हिस्सा लेने का स्वागत करते हैं। ये दोनों देश दक्षिण एशिया में महत्वपूर्ण हैं।'

बीजिंग स्थित शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के आतंक-निरोधी अभ्यास रूस के चेल्याबिंक्स के चेबारकुल शहर में 22 अगस्त से चल रहा है। यह 29 अगस्त तक चलेगा। इसका उद्देश्य आतंकवाद और कट्टरपंथ के बढ़ते खतरे से निबटने के लिए सदस्य देशों के बीच सहयोग बढ़ाना है।

जून 2017 में एससीओ के पूर्णकालिक सदस्य बनने के बाद से भारत और पाकिस्तान इस अभ्यास में पहली बार भाग ले रहे हैं। इस अभ्यास का नाम है ‘पीसफुल मिशन 2018’। इसका आयोजक है रूस का सेंट्रल मिलिट्री कमिशन। बता दें कि भारत और पाकिस्तान की सेनाओं के पहली बार शामिल होने का चीन ने स्वागत किया है।चीन ने उम्मीद जताई कि दोनों देश क्षेत्रीय शांति और स्थिरता को बनाए रखने के लिए द्विपक्षीय स्तर और बहुपक्षीय प्रणालियों में वार्ता और सहयोग को बढ़ा सकते हैं।

इस अभ्यास में भारत-पाक के शामिल होने पर चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग का कहना है- ‘दक्षिण एशिया में ये दोनों देश महत्वपूर्ण हैं। दोनों देशों के बीच स्थिर संबंध ‘पूरी दुनिया और क्षेत्र की शांति और विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.