जानिए, क्यों एक दलित परिवार को पंचायत ने समाज से बहिष्कार किया
दलित परिवार ने अपनी विधवा बेटी का विवाह दूसरी जाति के युवक से कर दिया था।
जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान के बूंदी में समाज की पंचायत ने एक दलित परिवार का महज इसलिए बहिष्कार कर दिया, क्योंकि उसने अपनी विधवा बेटी का विवाह दूसरी जाति के युवक से कर दिया था। समाज के पंच पहले तो विधवा महिला का दूसरा विवाह कराने के पक्ष में ही नहीं थे, लेकिन काफी समझाने के बाद वे इसके लिए तैयार हो गए, लेकिन महिला के परिजनों ने उसका विवाह दूसरी जाति के व्यक्ति के साथ कर दिया तो समाज के पंच नाराज हो गए और पूरे परिवार को समाज से बहिष्कृत कर दिया।
पंचों ने फैसला सुनाया कि जो भी बहिष्कृत परिवार से संबंध रखेगा उसे भी समाज से बहिष्कृत कर दिया जाएगा। इसके बाद यह परिवार पूरी तरह से अकेला हो गया है। युवती के पिता रूपनारायण रैगर ने बताया कि करीब 10 साल पहले बेटी के पति का निधन हो गया था। उसके ससुराल वाले अपने साथ रखने को तैयार नहीं थे तो वे उसे अपने साथ लेकर आ गए और फिर उसका दूसरा विवाह कराने की तैयारी करने लगे।
रैगर समाज के पंचों को इस बात की जानकारी मिली तो उन्होंने विरोध किया, लेकिन उन्होंने अपनी बेटी और उसके बच्चे के भविष्य के बारे में सोचते हुए उसका दूसरा विवाह करवा दिया। विवाह दूसरी जाति के युवक से कराने से नाराज समाज के पंचों ने उसके परिवार का समाज से बहिष्कार कर दिया।
समाज से बहिष्कार होने के कारण उसके अन्य बच्चों का विवाह नहीं हो रहा और ना ही सामाजिक कार्यक्रमों में कोई उन्हें बुलाता है। उनके यहां भी कोई नहीं आता है। वे पिछले 5 साल से पूरी तरह से बहिष्कृत है।