अरविंद पानगडिय़ा बने नीति आयोग के पहले उपाध्यक्ष
केंद्र सरकार ने सोमवार को नीति आयोग के पदाधिकारियों के नामों का एलान किया। मशहूर अर्थशास्त्री अरविंद पानगडिय़ा को इस आयोग का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है। इसके अलावा अर्थशास्त्री बिबेक देबरॉय व डीआरडीओ के पूर्व प्रमुख वीके सारस्वत को बतौर सदस्य नियुक्त किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। केंद्र सरकार ने सोमवार को नीति आयोग के पदाधिकारियों के नामों का एलान किया। मशहूर अर्थशास्त्री अरविंद पानगडिय़ा को इस आयोग का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है। इसके अलावा अर्थशास्त्री बिबेक देबरॉय व डीआरडीओ के पूर्व प्रमुख वीके सारस्वत को बतौर सदस्य नियुक्त किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाले नीति आयोग में चार केंद्रीय मंत्रियों को पूर्णकालिक सदस्य बनाया गया है। आयोग में छह सदस्य और तीन विशेष आमंत्रित सदस्य शामिल किए गए हैं।
आयोग के पूर्णकालिक सदस्यों में वित्त मंत्री अरुण जेटली, गृह मंत्री राजनाथ सिंह, कृषि मंत्री राधामोहन सिंह और रेल मंत्री सुरेश प्रभु शामिल हैं। इसके साथ ही तीन केंद्रीय मंत्रियों- मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी, सड़क परिवहन और राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत को विशेष आमंत्रित सदस्य बनाया गया है।
पद्म भूषण से सम्मानित पानगडिय़ा कोलंबिया यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर हैं। इससे पहले वह एशियाई विकास बैंक में मुख्य अर्थशास्त्री रहे हैं। विकास के 'गुजरात मॉडल' के प्रबल समर्थक हैं। पूर्णकालिक सदस्य के तौर पर नियुक्त देबरॉय नई दिल्ली स्थित सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च में प्रोफेसर हैं। वीके सारस्वत रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के प्रमुख रहे हैं।
हालांकि सरकार ने अभी दो अंशकालिक सदस्यों के नामों की घोषणा नहीं की है। नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में एक सचिव स्तर के अफसर की नियुक्ति भी नहीं की गई है। सरकार ने एक जनवरी को नीति आयोग स्थापित करने की घोषणा की थी। नीति आयोग के कार्य क्या होंगे, इस संबंध में नियमों की अधिसूचना भी अभी जारी नहीं हुई है। इसके अलावा योजना आयोग की वेबसाइट को आर्काइव के रूप मेंं डाल दिया गया है। अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही नीति आयोग की वेबसाइट बनाई जाएगी।
क्या करेगा नीति आयोग
मोदी सरकार ने नीति आयोग के गठन की घोषणा एक जनवरी को की थी। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाला यह आयोग केंद्र के साथ-साथ राज्य सरकारों के लिए नीति निर्माण करने वाले संस्थान की भूमिका निभाएगा। यह थिंक टैंक की तर्ज पर काम करेगा। आयोग की एक संचालन परिषद होगी। इसमें सभी राज्यों के मुख्यमंत्री और संघ शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल सदस्य होंगे। परिषद केंद्र व राज्यों के साथ मिलकर सहकारी संघवाद का एक राष्ट्रीय एजेंडा तैयार करेगी।