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भारतीय गेहूं काबुल पहुंचाने के लिए रास्ता देगा पाकिस्‍तान, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने किया एलान

पाकिस्तान अंतत अफगानिस्तान तक भारतीय गेहूं को पहुंचाने के लिए रास्ता देने को तैयार हो गया है। यही नहीं पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने एलान किया है कि भारत गए अफगानी नागरिकों को भी जमीनी रास्ते से लौटने में मदद की जाएगी।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 22 Nov 2021 10:40 PM (IST)Updated: Tue, 23 Nov 2021 01:26 AM (IST)
भारतीय गेहूं काबुल पहुंचाने के लिए रास्ता देगा पाकिस्‍तान, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने किया एलान
पाकिस्तान अंतत: अफगानिस्तान तक भारतीय गेहूं को पहुंचाने के लिए रास्ता देने को तैयार हो गया है।

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। पाकिस्तान अंतत: अफगानिस्तान तक भारतीय गेहूं को पहुंचाने के लिए रास्ता देने को तैयार हो गया है। पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने एलान किया है कि भारत से 50 हजार टन गेहूं पाकिस्तान के जरिये अफगानिस्तान को आपूर्ति की जाएगी। यह फैसला मानवीय आधार पर किया गया है और जैसे ही भारत सरकार इस बारे में संबंधित प्रक्रियाएं पूरी कर लेगी, उसके बाद शीघ्रता से इसे लागू किया जाएगा।

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पाकिस्तानी पीएम ने यह भी कहा है कि इलाज के लिए भारत गए अफगानी नागरिकों को भी जमीनी रास्ते से लौटने में मदद की जाएगी। तालिबान के सत्ता में आने के बाद हवाई संपर्क प्रभावित होने के बाद कई अफगानी नागरिक अभी भारत में हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से सोमवार को जारी बयान से बहुत पहले भारत ने कहा था वह अफगानिस्तान को मानवीय आधार पर गेहूं भेजना चाहता है।

यह भी बताते चलें कि तालिबान के सत्ता में आने से पहले के वर्षों में पाकिस्तान की हठधर्मिता की वजह से भारत कई वर्षों तक अफगानिस्तान को आवश्यक गेहूं नहीं भेज पाया था। बाद में चाबहार पोर्ट की स्थापना के बाद वहां गेहूं भेजना संभव हो पाया था। लेकिन तालिबान के सत्ता में आने के बाद चाबहार पोर्ट से अफगानिस्तान की राह भी कठिन हो गई है। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र में चर्चा के दौरान मानवीय आधार पर अफगानिस्तान को तुरंत मदद देने का आह्वान किया था। 

हाल ही में भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कहा था कि वह अफगानिस्तान के लोगों के लिए जरूरी सहायता मुहैया कराने के लिए अन्य हितधारकों के साथ समन्वय स्थापित करने का इच्छुक है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन पर बुधवार को यूएनएससी को संबोधित करते हुए इस बात का समर्थन किया था कि मानवीय सहायता तक अफगानिस्तान की पहुंच निर्बाध होनी चाहिए।


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