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पाकिस्तान ने सात महीने में 2952 बार किया संघर्ष विराम का उल्लंघन, रोजाना 13 से ज्यादा बार गोलाबारी

पाकिस्तान रोजाना औसतन 13-14 बार संघर्ष विराम का उल्लंघन कर रहा है। इस गोलाबारी में आठ सुरक्षाकर्मियों बलिदान हुए हैं जबकि 15 नागरिकों को भी जान गंवानी पड़ी है।

By Tilak RajEdited By: Published: Wed, 02 Sep 2020 06:09 AM (IST)Updated: Wed, 02 Sep 2020 06:09 AM (IST)
पाकिस्तान ने सात महीने में 2952 बार किया संघर्ष विराम का उल्लंघन, रोजाना 13 से ज्यादा बार गोलाबारी
पाकिस्तान ने सात महीने में 2952 बार किया संघर्ष विराम का उल्लंघन, रोजाना 13 से ज्यादा बार गोलाबारी

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। पाकिस्तान दुनियाभर में बेशक दावा करता फिरे कि वह जम्मू-कश्मीर के नागरिकों का हमदर्द है, लेकिन सरहदी इलाकों पर की जाने वाली गोलाबारी उसकी हमदर्दी की पोल खोल देती है। मौजूदा वर्ष के पहले सात महीने की बात करें तो पाकिस्तानी सैनिकों ने अंतरराष्ट्रीय सीमा (आइबी) से लेकर नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर 2952 बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया है।

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इसका मतलब है कि पाकिस्तान रोजाना औसतन 13-14 बार संघर्ष विराम का उल्लंघन कर रहा है। इस गोलाबारी में आठ सुरक्षाकर्मियों बलिदान हुए हैं, जबकि 15 नागरिकों को भी जान गंवानी पड़ी है। वहीं, 100 से ज्यादा जख्मी हुए हैं। आरटीआइ कार्यकर्ता रमन शर्मा ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से आरटीआइ के जरिए जुटाए गए संघर्ष विराम उल्लंघन के आंकड़ों के बारे में जानकारी दी।

गृह मंत्रालय में निदेशक सुलेखा द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के मुताबिक, बीते तीन सालों के दौरान जम्मू कश्मीर में आइबी और एलओसी पर रोजाना औसतन नौ बार संघर्ष विराम का उल्लंघन हुआ है। वहीं, इस साल के पहले सात महीने रोजाना औसतन 13 से 14 बार पाकिस्तानी सैनिकों ने गोलाबारी की है।

वर्ष 2010 की तुलना में 2019 में गोलाबारी में तेजी आई : गृह मंत्रालय ने अपने जवाब में बताया कि वर्ष 2010 की तुलना में 2019 में संघर्ष विराम के उल्लंघन की घटनाओं में करीब 50 गुना तेजी आई है। वर्ष 2010 में पाकिस्तानी सेना ने सिर्फ 70 बार संघर्ष विराम का उल्लंघन करते हुए भारतीय सैन्य व नागरिक ठिकानों को निशाना बनाया। इनमें दो नागरिकों की मौत और पांच सुरक्षाकर्मी बलिदान हुए थे। वहीं, वर्ष 2019 में पाकिस्तानी सैनिकों ने भारतीय ठिकानों पर 3479 बार गोलाबारी की, जिसमें 18 नागरिकों की मौत और 19 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए थे।


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