भारत में आतंक फैलाने के लिए इस ना 'पाक' तरीके का इस्तेमाल करता है पाकिस्तान
पिछले हफ्ते गिरफ्तार आइएसआइ के जासूस दीना खान से पूछताछ में इस फंडिंग नेटवर्क का खुलासा हुआ है।
नई दिल्ली। पाकिस्तान भले ही कितने दावा करता रहा हो कि वह आतंकवाद से निपटने के लिए कड़े कदम उठा रहा है, मगर आए दिन उसके दावे की पोल खुलती रहती है। राजस्थान पुलिस की खुफिया एजेंसियों के हवाले से एक अहम जानकारी सामने आई है।
आइएसआइ के जासूस ने किया खुलासा
पता चला है कि पाकिस्तान दरगाहों से मिलने वाले चंदे के पैसे से भारत में आतंकवाद फैलाने के लिए फंडिंग करता है। पिछले हफ्ते गिरफ्तार आइएसआइ के जासूस दीना खान से पूछताछ में इस फंडिंग नेटवर्क का खुलासा हुआ है।
टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, जासूस ने बताया कि आइएसआइ के हैंडलर्स दरगाहों के बाहर दान पेटी रख देते हैं और श्रद्धालुओं द्वारा दान किए गए पैसे का इस्तेमाल भारत के सीमावर्ती गांवों में आतंकी गतिविधियों के लिए किया जाता है। दीना खान को पिछले हफ्ते बाड़मेर जिले के एक दूरदराज के गांव से गिरफ्तार किया गया है।
राज्य खुफिया एवं सुरक्षा एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, खान ने बताया कि वह बाड़मेर जिले के चोहटान गांव में स्थित एक छोटी मजार का प्रभारी था। उसने मजार पर चंदे से प्राप्त पैसों में से करीब 3.5 लाख रुपए अन्य जासूसों जैसे सतराम माहेश्वरी और उनके भतीजे विनोद माहेश्वरी को दिए। वह पाकिस्तान में बैठे आइएसआइ के हैंडलर्स से फोन पर बात करता था, जहां से उसे पैसे बांटने का निर्देश दिया जाता था।
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