अपनी नाकामियों से चिढ़ा पाकिस्तान, अब कुछ इस तरह हताश आतंकियों के लिए रची घातक हथियार भेजने की साजिश
पाकिस्तान अब आतंकियों तक अमेरिका निर्मित एम-4 कार्बाइन जैसे आधुनिक भेजने की फिराक में है।
राज्य ब्यूरो, जम्मू। सुरक्षाबलों के आतंकरोधी अभियान से कश्मीर समेत पूरे प्रदेश में आतंकियों की कमर टूट गई है। यहां तक कि वह अब हथियारों तक के लिए तरस गए हैं। सुरक्षाबल वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय सीमा (IB) से लेकर नियंत्रण रेखा (LOC) तक न तो आतंकियों की घुसपैठ होने दे रहे हैं और न ही सीमा पार से हथियारों की आमद होने दे रहे हैं। इसलिए पाकिस्तान ने हथियारों को आतंकियों तक पहुंचाने के लिए इन्हें ड्रोन से भेजने की साजिश रची है, जिसे नाकाम कर दिया गया है। इतना ही नहीं, पाकिस्तान ने अब आतंकियों के लिए एम-4 कार्बाइन जैसे खतरनाक हथियार भेजने की साजिश रची है।
दरअसल, कश्मीर में सुरक्षाबलों द्वारा आतंकियों को ढेर तो किया ही जा रहा है, साथ ही एक के बाद एक आतंकी ठिकाने भी ध्वस्त किए हैं। आतंकियों तक हथियार पहुंचाने वाले ओजीडब्ल्यू पर भी नकेल कस दी गई है। इसलिए अब आतंकी हथियारों के लिए तरस रहे हैं। इसलिए पाकिस्तान अब आतंकियों तक अमेरिका निर्मित एम-4 कार्बाइन जैसे आधुनिक भेजने की फिराक में है। गत शनिवार को हीरानगर सेक्टर में मार गिराए ड्रोन से भी एम 4 कार्बाइन किसी अली भाई के नाम भेजी गई थी। पुलिस ने जब रिकार्ड को चेक किया तो पता चला कि पाकिस्तानी आतंकी फुरकान पुलवामा क्षेत्र में सक्रिय है। कश्मीर रेंज के आइजी विजय कुमार ने भी इसकी पुष्टि की है। आइजी का कहना है कि हो सकता है कि पाकिस्तानी ड्रोन के जरिये इसी आतंकी के लिए यह एम-4 कार्बाइन भेजी गई हो।
पहले भी मिल चुकी हैं एम-4 कार्बाइन
गत दो दिन में ही दो बार एम-4 कार्बाइन बरामद की गई है। अब कुलगाम में भी मारे गए जैश के ऑपरेशन कमांडर के पास से भी एम-4 कार्बाइन बरामद हुई है। मारा गया यह आतंकी भी पाकिस्तान का है और शार्प शूटर है। ऐसा पहली बार नहीं है कि आतंकियों के पास से यह एम-4 कार्बाइन मिली हो। इसके पहले पहली बार नगरोटा के बन टोल प्लाजा के निकट मारे गए आतंकवादियों के पास से नाइट विजन से लैस एम-4 कार्बाइन मिली थी। लेसर प्वायंटर व टेलीस्कोप फिट कर इसे स्नाइपर की तरह इस्तेमाल किया जाता है।
खुद को बचाने के लिए दूर से हमले की साजिश
कश्मीर के आइजीपी विजय कुमार का कहना है कि जैश के आतंकवादी एम 4 कार्बाइन का इस्तेमाल कर रहे हैं। कश्मीर में पिछले कुछ समय से जिस तरह से एक के बाद एक आतंकी मारे जा रहे हैं, उससे आतंकी संगठन और पाकिस्तान में बैठे उनके आका हताश हैं। एम-4 कार्बाइन जैसे घातक हथियार मिलना इसका सबूत है कि आत्मघाती हमलों की जगह सुरक्षित दूरी से वार कर आतंकवादी खुद को बचाने की साजिश पर काम कर रहे हैं। इस रणनीति के तहत सीमा पर पाकिस्तानी सेना के स्नाइपर सक्रिय हैं तो जम्मू-कश्मीर में स्नाइपर राइफल चलाने में प्रशिक्षित उसके आतंकवादी वार करने के मौके तलाश रहे हैं।