जाधव पर फैसले के बाद मांग, इनके कत्ले-आम के लिए भी पाक पर चले ICJ में मुकदमा
कुलभूषण जाधव पर अंतरराष्ट्रीय अदालत के फैसले को भारत ही नहीं बल्कि मानवता की जीत बताते हुए यह मांग की गई है।
पेरिस, एएनआइ। पाकिस्तान जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव मामले को हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) में ले जाने का भारत का फैसला सही साबित हुआ है। आईसीजे ने अपने अंतरिम फैसले में पाकिस्तान को आदेश दिया है कि वह इस मामले पर अंतिम फैसला आने तक जाधव को मिली फांसी की सजा पर रोक लगा कर रखे।
वहीं अंतरराष्ट्रीय अदालत के फैसले की सराहना करते हुए 'बलोच प्रवासी फ्रांस' संगठन के अध्यक्ष अली अकबर मेंगल ने इसे भारत के साथ 'मानवता' की बड़ी जीत बताया है। साथ ही मांग की है कि बलूचिस्तान के लोगों के नरसंहार के लिए भी पाकिस्तान पर आईसीजे में मुकदमा चलना चाहिए।
मेंगल ने जाधव पर आईसीजे के फैसले को भारत और न्याय व मानव अधिकारों की बड़ी जीत की व्याख्या करते हुए कहा कि पाकिस्तान सरकार, खुफिया एजेंसियां और सेना बलूच लोगों के खिलाफ अत्याचार और नरसंहार कृत्यों को अंजाम दे रही हैं।
वहीं अमेरिका और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से पाकिस्तान के दोहरे चरित्र को समझने की अपील करते हुए मेंगल ने कहा, पाकिस्तान आतंकवाद का केंद्र है, क्योंकि यह पूरी दुनिया के लिए इस्लामी आतंकवाद को जन्म दे रहा है। पाकिस्तान में ऐसे हजारों ट्रेनिंग कैंप हैं जहां आतंकवाद की अगली पीढ़ी तैयार की जा रही है।' इसके साथ ही मेंगल ने मांग करते हुए कहा कि बलूच लोगों के नरसंहार के लिए भी आईसीजे में पाकिस्तान के खिलाफ मुकदमा चलाया जाना चाहिए।
ह्यूमन राइट्स वॉच की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए मेंगल ने बताया कि 20 हजार से अधिक बलूच लोग लापता हैं। यहां के लोग और सामाजिक कार्यकर्ता लगातार चीन पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर का विरोध कर रहे हैं। उनका आरोप है कि पाकिस्तान बीजिंग और अपने फायदे के लिए बलूचिस्तान के संसाधनों का शोषण करना चाहता है।
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