भारत विरोधी अंतरराष्ट्रीय अभियान में जुटा पाकिस्तान, ब्रिटेन में करेगा ये काम
पाकिस्तान के विदेश मंत्री ब्रिटेन में कश्मीर के मुद्दे पर बड़ी रैली को संबोधित करेंगे। भारत ने इसे लेकर ब्रिटिश सरकार से सख्त आपत्ति जताई है।
जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। पाकिस्तान के पीएम इमरान खान एक तरफ तो भारत के साथ दोस्ताना संबंधों की बात करते हैं लेकिन दूसरी तरफ उनकी सरकार ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत विरोधी अभियान की शुरुआत कर दी है। इसकी अगली कड़ी में लंदन में कश्मीर को लेकर एक बड़ी रैली का आयोजन किया जा रहा है जिसे पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह मेहमूद कुरैशी भी संबोधित करने जा रहे हैं।
इसके पहले पाकिस्तान ने कनाडा और अमेरिका में भारत विरोधी व खालिस्तान समर्थक रैलियों का भी आयोजन किया है। हालात यह है कि भारतीय विदेश मंत्रालय को यहां तक कहना पड़ा है कि पाकिस्तान ने जिस तरह से भारत विरोधी अभियान दुनिया भर में शुरु किया है वैसा पहले कभी नहीं देखा गया।
जानकारों की माने तो आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान हाल के वर्षों में जिस तरह से अलग-थलग पड़ा है उसी के काट के तौर पर उसने दबाव बनाने के लिए भारत विरोधी अभियान की नए सिरे से शुरुआत की है। इसके पहले नब्बे के दशक के शुरुआती वर्षों में भी पाकिस्तान सरकार की तरफ से यूरोपीय देशों, कनाडा और अमेरिका में खालिस्तान, कश्मीर के मुद्दे पर भारत के खिलाफ रैलियां आयोजित करता रहा है। बाद में भारत के बढ़ते रसूख की वजह से इसमें काफी कमी आ गई थी।
पाकिस्तान फिर से वैसी ही कोशिश कर रहा है लेकिन भारत कूटनीतिक तौर पर उस पर पानी फेरने के लिए पूरी तरह से तैयार है। इसका उदाहरण हाल ही में वाशिंगटन में तब देखने को मिला जब पाकिस्तान समर्थक खालिस्तानियों से काफी ज्यादा संख्या में भारतीय मूल के लोग पहुंच गये। ऐसी ही स्थिति लंदन में हुई जहां खालिस्तान समर्थकों ने भारत के झंडे भी जलाये। इन दोनों में पाकिस्तान सरकार की भूमिका इस बात से भी साफ होती है कि दोनो जगहों पर पाकिस्तान की मीडिया काफी बड़ी संख्या में पहुंची थी। भारत ने ब्रिटेन में आगामी कश्मीर रैली को लेकर भी सख्त चेतावनी दी है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार के मुताबिक लंदन में कश्मीर पर होने वाली रैली को लेकर हमने ब्रिटेन सरकार को सख्त शब्दों में अपनी चिंताओं से अवगत कराया है। ब्रिटेन हमारा बेहद महत्वपूर्ण रणनीतिक पार्टनर है। हम गंभीरता से उन्हें यह बता रहे हैं कि उनकी जमीन का इस्तेमाल भारत विरोधी गतिविधियों के लिए हो रहा है। उम्मीद है कि वह हमारी चिंताओं को समझेंगे और इस तरह की रैलियों पर रोक लगाएंगे। भारत ने यह भी कहा है कि भारत विरोधी गतिविधियो में जुटे पाकिस्तान का रवैया समझ से परे है क्योंकि एक तरफ उनके पीएम रिश्तों को सुधारने की बात करते हैं तो दूसरी तरफ विदेश मंत्री कुरैशी सीधे तौर पर उन लोगों से बात करते हैं तो भारत में आतंक को बढ़ावा देते हैं।
भारत को इस बात की भी सूचना मिली है कि पाकिस्तान सरकार की तरफ से यूरोपीय संघ के कुछ देशों की मदद से वहां के संसद में कश्मीर के मुद्दे को उठाने की कोशिश की जा रही है। पाकिस्तान जिस तरह से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पिछले दो-तीन वर्षो में अलग थलग पड़ा है और उसकी छवि जिस तरह से एक आतंकवाद समर्थक देश की बनी है उसे देखते हुए उसकी बात पर कोई दूसरा देश भरोसा करेगा, इसकी उम्मीद कम है।