Move to Jagran APP

पाकिस्‍तान ने किया चिनाब नदी के प्रवाह में कमी का दावा, भारत ने नकारा

पाकिस्तान ने चिनाब नदी के बहाव में उल्लेखनीय कमी आने का दावा किया है। लेकिन भारत ने उसके इस दावे को बेबुनियाद नेरेटिव करार दिया है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sat, 09 May 2020 01:40 AM (IST)Updated: Sat, 09 May 2020 01:40 AM (IST)
पाकिस्‍तान ने किया चिनाब नदी के प्रवाह में कमी का दावा, भारत ने नकारा

नई दिल्ली, प्रेट्र। पाकिस्तान ने चिनाब नदी के बहाव में उल्लेखनीय कमी आने का दावा किया है। लेकिन भारत ने उसके इस दावे को बेबुनियाद नेरेटिव करार दिया है। सिंधु जल समझौते के तहत भारतीय आयुक्त प्रदीप कुमार सक्सेना को लिखे पत्र में उनके पाकिस्तानी समकक्ष सैयद मुहम्मद मेहर अली शाह ने कहा है कि चिनाब पर माराला हेडव‌र्क्स पर बहाव अप्रत्याशित रूप से 31,853 क्यूसेक से घटकर 18,700 क्यूसेक रह गया है। उन्होंने प्रदीप कुमार से स्थिति की जांच करके उन्हें अवगत कराने का अनुरोध किया।

loksabha election banner

भारत ने कहा, पाकिस्तान का दावा बेबुनियाद नेरेटिव

वहीं, प्रदीप कुमार ने इस दावे को पाकिस्तान का एक और बेबुनियाद नेरेटिव करार देते हुए कहा कि मामले की जांच की जा चुकी है। उन्होंने कहा, 'भारत में चिनाब और तवी नदियों पर अंतिम गेज और डिस्चार्ज स्थलों अखनूर व सिधरा में बहाव सामान्य है और कथित अवधि में उसमें किसी तरह का उल्लेखनीय बदलाव दिखाई नहीं दिया।' उन्होंने कहा कि यही जवाब पाकिस्तान को दे दिया गया है। साथ ही उसे मामले की जांच कराने की सलाह भी दी गई है।

ज्ञात हो कि सिंधु जल समझौते, 1960 के तहत स्थायी सिंधु आयोग का गठन किया गया था। समझौते के मामलों में दोनों देशों के सिंधु आयुक्त अपने-अपने देशों के प्रतिनिधि के तौर पर कार्य करते हैं।

पाकिस्तान को 80 फीसद पानी मिलता है भारत से 

गौरतलब है कि पाकिस्तान के पास कुल 1450 लाख एकड़ फुट नदी का पानी उपलब्ध है। इस 1450 लाख एकड़ फुट जल में 1160 लाख एकड़ फुट पानी सिंधु, झेलम और चिनाब नदियों से पाकिस्तान को मिलता है जो कि भारत से होकर ही बहती हैं। वर्षा के पानी को छोड़ दें तो नदियों से मिलने वाले पानी का अस्सी प्रतिशत पानी पाकिस्तान को भारत से मिलता है। यही पानी सर्दी और गर्मी में पाकिस्तान की कृषि, उद्योगों और शहरों के काम आता है। पाकिस्‍तान के आतंकवाद के समर्थन और भारत को अस्थिर करने की साजिश रचने के कारण इस समझौते को रद करने की मांग उठती रही है।  


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.