चुनावी मौसम में कांटे बो रहा पाकिस्तान
भारत में चल रही आम चुनावों की कवायद केबीच पाक ने नई दिल्ली की अगली सरकार के लिए चुनौतियों की खेती तेज कर दी है। भारत में आतंकी गतिविधियां बढ़ाने की कोशिशों के साथ ही पाक ने कश्मीर मुद्दे को गर्माने के लिए अंतरराष्ट्रीय लामबंदी भी बढ़ा दी है। साथ ही भारत में अगली सरकार की आमद से पहले कई मुद्दों पर अ
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। भारत में चल रही आम चुनावों की कवायद केबीच पाक ने नई दिल्ली की अगली सरकार के लिए चुनौतियों की खेती तेज कर दी है। भारत में आतंकी गतिविधियां बढ़ाने की कोशिशों के साथ ही पाक ने कश्मीर मुद्दे को गर्माने के लिए अंतरराष्ट्रीय लामबंदी भी बढ़ा दी है। साथ ही भारत में अगली सरकार की आमद से पहले कई मुद्दों पर अपने कदम भी सख्त किए हैं। पाकिस्तान की ओर से आ रहे सुर और संकेत यह बताने को काफी हैं कि भारत में अगली सरकार के चुने जाने तक वह सुरक्षा और कूटनीति के लिए नए रोड़े खड़े करने में लगा है।
पाक प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने नाभिकीय सुरक्षा शिखर सम्मेलन के बहाने अपने हालिया यूरोप दौरे का इस्तेमाल भी कश्मीर मुद्दे पर पेशबंदी और भारत के खिलाफ कड़े रुख के एलान के लिए ही किया। चंद महीने पहले भारतीय प्रधानंत्री के साथ बातचीत की कवायद बढ़ाने के वादे कर चुके शरीफ ने हेग में अमेरिकी विदेश मंत्री से मुलाकात के बाद कश्मीर मुद्दे पर तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को जरूरी बताया। वैसे यह मुद्दा पाक नेता उठाते रहे हैं और भारत के सख्त रुख के कारण कोई भी देश इससे किनारा करने में ही बेहतरी समझता है। कारोबारी रिश्तों में बेहतरी के लिए भारत को मोस्ट फेवर्ड नेशन (सबसे तरजीह देश) का दर्जा देने के फैसले पर भी पाक ने यू-टर्न ले चुका है। शरीफ ने यूरोप दौरे में ही कहा कि इस मामले पर सहमति न बन पाने के कारण इसे टाल दिया गया है। उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान बीते कई महीनों से इस फैसले को टाल रहा है। माना जा रहा है कि फौज पाकिस्तानी बाजार में भारत को भेदभाव रहित पहुंच का लाभ देने के हक में नहीं है।
इस बीच सीमापार बढ़ी सरगर्मियां अगले कुछ महीनों में आतंकवादी गतिविधियां बढ़ने के भी संकेत दे रही हैं। खुफिया एजेंसियों के मुताबिक कश्मीर में आतंकी घुसपैठ बढ़ाने के लिए पीर पंजाल पहाड़ी के दक्षिण में मौजूद कई आतंकी शिविरों को उत्तर की ओर स्थानांतरित किया जा रहा है, ताकि कम समय में कश्मीर के आबादी वाले इलाकों में घुसपैठ करना संभव हो। इसके अलावा विदेशी आतंकियों की घुसपैठ भी बढ़ाई जा रही है। भारत में नई सरकार की आमद के चंद हफ्तों के भीतर अफगानिस्तान से अमेरिका समेत नाटो फौजों की वापसी भी शुरू हो जाएगी। अफगानिस्तान के हालात और तालिबानी ताकतों के साथ पाक की नजदीकी भारत के लिए सुरक्षा चिंता का सबब है। उल्लेखनीय है कि नवाज शरीफ ने दो दिन पहले पाकिस्तान के कट्टरपंथी तालिबान गुटों के साथ शांति समझौता वार्ता फिर शुरू करने का एलान किया है।