Move to Jagran APP

रेलवे परिसरों और ट्रेनों में साल 2017-2019 के दौरान दर्ज हुईं दुष्‍कर्म की 160 वारदातें, आरटीआइ से खुलासा

एक आरटीआइ से प्राप्‍त जानकारी के मुताबिक साल 2017 और 2019 के बीच ट्रेनों और रेलवे परिसरों में दुष्‍कर्म की 160 और हत्‍या की 542 वारदातें दर्ज की गई हैं...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sun, 01 Mar 2020 04:39 PM (IST)Updated: Sun, 01 Mar 2020 06:18 PM (IST)
रेलवे परिसरों और ट्रेनों में साल 2017-2019 के दौरान दर्ज हुईं दुष्‍कर्म की 160 वारदातें, आरटीआइ से खुलासा
रेलवे परिसरों और ट्रेनों में साल 2017-2019 के दौरान दर्ज हुईं दुष्‍कर्म की 160 वारदातें, आरटीआइ से खुलासा

नई दिल्‍ली, पीटीआइ। तमाम सख्‍त कानूनों के बावजूद दुष्‍कर्म की वारदातें रुक नहीं रही हैं। आरटीआइ से प्राप्‍त जानकारी के मुताबिक, साल 2017 और 2019 के बीच ट्रेनों और रेलवे परिसरों में दुष्‍कर्म की 160 वारदातें हुई हैं। हालांकि, रेलवे जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक दुष्‍कर्म की वारदातों में कमी जरूर आई है। साल 2017 में दुष्‍कर्म की 51 वारदातें हुईं जो वर्ष 2019 में कम होकर 44 रह गईं। साल 2018 में इन वारदातों में इजाफा देखा गया और रेलवे ने 70 घटनाएं रिपोर्ट कीं।

loksabha election banner

नीमच (Neemuch) के आरटीआइ कार्यकर्ता चंद्र शेखर गौड़ (Chandra Shekhar Gaur) की ओर से डाली गई आरटीआइ के जवाब में जो जानकारी दी गई है उसके मुताबिक, साल 2017 और 2019 के बीच रेलवे परिसरों में दुष्‍कर्म की 136 वारदातें हुईं जबकि चलती ट्रेनों में 29 मामले दर्ज किए गए। इस तरह दुष्‍कर्म की कुल 165 घटनाएं रेलवे ने दर्ज कीं। साल 2019 में दुष्‍कर्म की जो 44 घटनाएं दर्ज की गईं उनमें 36 घटनाएं रेलवे परिसरों में जबकि आठ वारदातें ट्रेनों में हुईं।

साल 2018 में दुष्‍कर्म की जो 70 वारदातें हुईं उनमें 59 रेलवे परिसरों में जबकि 11 घटनाएं चलती ट्रेनों में हुईं। वहीं साल 2017 में 41 घटनाएं रेलवे परिसरों में जबकि 10 चलती ट्रेनों में हुईं। उक्‍त जानकारी से साफ है कि यात्रा के लिए महफूज मानी जा रही रेलवे भी महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं है। उक्‍त अवधि में रेलवे ने महिलाओं के प्रति अपराध के 1,672 मामले दर्ज किए जिनमें 802 रेलवे परिसरों में हुए जबकि 870 घटनाएं चलती ट्रेनों में हुईं।

रेलवे की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, उक्‍त तीन वर्षों में 771 मामले अपहरण के जबकि 4,718 मामले लूट के और 213 केस हत्‍या की कोशिश के दर्ज किए गए। इसी अवधि में हत्‍या के 542 मामले भी दर्ज किए गए। मालूम हो कि रेलवे में पुलिसिंग का क्षेत्राधिकार राज्‍यों के अधीन होता है। इनमें अपराध की रोकथाम, एफआइआर, अपराध की जांच और कानून व्‍यवस्‍था बनाए रखने जैसे अधिकार शामिल हैं। राज्‍य सरकारें इनका अनुपालन जीआरपी और जिला पुलिस द्वारा कराती हैं। 

वैसे रेलवे ने महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कई कदम भी उठाए हैं। पिछले महीने राज्यसभा को सरकार की ओर से बताया गया था कि जोखिम वाले मार्गों या खंडों में औसतन 2200 ट्रेनों में रेलवे सुरक्षा बल सुरक्षा की जिम्‍मेदारी संभाल रहे हैं। इसके अलावा 2200 ट्रेनों में जीआरपी सुरक्षा देने का काम कर रही है। भारतीय रेलवे ने सुरक्षा हेल्पलाइन नंबर 182 भी शुरू किया है जो 24 घंटे और पूरे हफ्ते सक्रिय रहता है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.