Move to Jagran APP

20 साल बाद 1.5 करोड़ लोग होंगे कैंसर के शिकार, बचाव के लिए करें ये उपाय

2018 से 2040 तक हर साल कीमोथेरेपी की आवश्यकता वाले रोगियों की संख्या वैश्विक स्तर पर 53 फीसद इजाफे के साथ 98 लाख से 1.5 करोड़ हो जाएगी।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Tue, 14 May 2019 11:16 AM (IST)Updated: Tue, 14 May 2019 11:27 AM (IST)
20 साल बाद 1.5 करोड़ लोग होंगे कैंसर के शिकार, बचाव के लिए करें ये उपाय
20 साल बाद 1.5 करोड़ लोग होंगे कैंसर के शिकार, बचाव के लिए करें ये उपाय

नई दिल्‍ली [जागरण स्‍पेशल]। 1.5 करोड़ लोगों को होगी कीमोथेरेपी की दरकार हाल ही में प्रतिष्ठित लैंसेट आंकोलॉजी जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक 2040 तक हर साल 1.5 करोड़ से अधिक लोगों को कीमोथेरेपी की आवश्यकता होगी। यानी 2018 से 2040 तक हर साल कीमोथेरेपी की आवश्यकता वाले रोगियों की संख्या वैश्विक स्तर पर 53 फीसद इजाफे के साथ 98 लाख से 1.5 करोड़ हो जाएगी। साथ ही निम्न और मध्यम आय वाले देशों में कैंसर रोगियों की बढ़ती संख्या का इलाज करने के लिए लगभग एक लाख कैंसर चिकित्सकों की भी जरूरत होगी।

loksabha election banner

क्या है कीमोथेरेपी?

शरीर में कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्धि ही कैंसर है। कोशिकाओं के इसी अनियमित विकास को रोकने के लिए पीड़ित को कोई खास दवा या दवाओं का मिश्रण दिया जाता है जो कैंसर के शुरुआती चरण में काफी प्रभावी सिद्ध होती है। रोग की स्थिति को देखते हुए इन दवाओं को दिया जाता है। कई बार तुरंत असर के लिए मरीज के रक्त के साथ इन्हें शरीर में भेजा जाता है।

व्यापक अध्ययन

यह अध्ययन सिडनी में यूनिवर्सिटी ऑफ न्यू साउथ वेल्स, इंगम इंस्टीट्यूट फॉर एप्लाइड मेडिकल रिसर्च, किंगहॉर्न कैंसर सेंटर, ऑस्ट्रेलिया में लिवरपूल कैंसर थेरेपी सेंटर और इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर, लियोन के शोधकर्ताओं द्वारा किया गया है। कीमोथेरेपी कैंसर के उपचार का कारगर तरीका है। अध्ययन में पाया गया कि जनसंख्या वृद्धि और अलग-अलग देशों में अलग-अलग प्रकार के कैंसर की प्रवृत्ति वहां कीमोथेरेपी की मांग को बढ़ावा देंगे।

विकट स्थिति

2018 में कीमोथेरेपी की जरूरत वाले कैंसर पीड़ितों की संख्या 98 लाख थी। जिनको कीमोथेरेपी देने के लिए 65 हजार कैंसर चिकित्सकों की जरूरत थी। लेकिन यह संख्या 2040 में एक लाख तक बढ़ जाएगी। 2040 तक, कीमोथेरेपी की आवश्यकता वाले 1.5 करोड़ रोगियों में से 1 करोड़ से ज्यादा निम्न या मध्यम-आय वाले देशों से होंगे। 2040 तक उपचार की आवश्यकता वाले अतिरिक्त 52 लाख लोगों में, अनुमानित 75 फीसद इन देशों से रहेंगे। अध्ययन के सह-लेखक माइकल बार्टन के अनुसार मौजूदा प्रवृत्ति बताती है कि भविष्य में इस रोग के पीड़ितों में तेजी से इजाफा हो सकता है। इनमें ज्यादा हिस्सेदारी निम्न और मध्यम आय वाले देशों की होगी।पूर्वी अफ्रीका, मध्य अफ्रीका, पश्चिमी अफ्रीका और पश्चिमी एशिया इस कैंसर के प्रकार को होगी दरकार फेफड़े का कैंसर, स्तन कैंसर, कोलोरेक्टल कैंसर।

कीमोथेरेपी के साइडइफेक्‍ट्स

कैंसर जानलेवा बीमारी है, कीमोथेरेपी से उन खतरनाक सेल्‍स को काबू में किया जाता है। लेकिन कीमोथेरेपी के दौरान प्रयोग की जाने वाली दवाओं अतिरिक्त प्रभाव भी हो सकते हैं। इनमें से सामान्य है थकान, नींद नआना, लगातार उल्टियां होना, दस्त, मुंह में घाव होना, बालों का झड़ना, त्‍वचा पर चकत्ते, खून की कमी होना, आदि। इसके कारण ब्‍लड में इंफेक्‍शन और खून का बहाव भी हो सकता है। दूसरे अतिरिक्त प्रभाव जैसे एलर्जिक‍ क्रिया, स्तब्ध हो जाना, हाथों और पैरों में झुनझुनी होना, ब्लैडर से खून का आना।

गर्भावस्‍था के दौरान इन दवाओं का प्रयोग बिलकुल नहीं करना चाहिए, इससे गर्भ को भी परेशानी हो सकती है। कुछ प्रकार की कीमोथेरेपी ड्रग्स से इन्फर्टिलिटी भी हो सकती है। अगर आप आने वाले सालों में बच्चा‍ चाहते हैं तो कीमोथेरेपी से पहले चिकित्सक की सलाह लें। एक तरफ जहां कीमोथेरेपी कैंसर कोशिकाओं को खत्म करने के लिए रोगियों को दी जाती है वहीं इससे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने का खतरा भी बना रहता है। साथ ही इससे इससे वजन कम हो जाता है व रक्त में हीमोग्लोबिन की मात्रा व प्लेटलेट्स की संख्या भी घट जाती है।

कीमोथेरेपी साइडइफेक्‍ट्स का उपचार

कीमोथेरेपी के साइड-इफेक्‍ट पर नियंत्रण पाने में सबसे अधिक योगदान खानपान का होता है। यदि आपको कीमोथेरेपी के कारण मतली या उल्‍टी की शिकायत है तो खाने में तला-भुना, ज्‍यादा मसालेदार, अधिक नमक युक्‍त आदि खाने से परहेज करना चाहिए। इस‍की जगह पर संतुलित और आसानी से पचने वाला आहार लेना चाहिए।

नियमित व्‍यायाम को अपने जीवन में शामिल कीजिए, सुबह के समय 40 से 50 मिनट व्‍यायाम, योग और मेडीटेशन के लिए दीजिए। चूंकि इस समय बालों के गिरने की समस्‍या भी होती है ऐसे में बालों में ड्रायर का प्रयोग न करें, हेयर डाई न लगायें। इसके अलावा धूम्रपान और शराब का सेवन बिलकुल न करें, अधिक मात्रा में कैफीन का सेवन भी न करें। कीमोथेरेपी बहुत ही दर्दनाक प्रक्रिया होती है, इससे उबरने के बाद यदि आपको इसके साइड-इफेक्‍ट से जूझने पर भी हिम्‍मत से काम लें। हमेशा चिकित्‍सक के संपर्क में भी रहें।

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.