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ओटीटी पर अंकुश: मनोरंजन की सीमा तय करने की एक कोशिश, तीन वर्षों में 3.6 लाख करोड़ का होगा बाजार

ऑनलाइन कंटेट पर अंकुश लगाने की मांग समय समय पर उठती रही है। अब सरकार इस तरफ बढ़ रही है। इससे जानकार भी खुश हैं। आने वाले तीन वर्ष में भारत में ही ओटीटी का बाजार 3.6 लाख करोड़ रुपए का होगा।

By Kamal VermaEdited By: Published: Fri, 13 Nov 2020 09:02 AM (IST)Updated: Fri, 13 Nov 2020 09:02 AM (IST)
2023 तक केवल भारत में ही ओटीटी का बाजार 3.6 लाख करोड़ रुपए का होगा।

नई दिल्ली (जेएनएन)। ओवर द टॉप (ओटीटी) ने कई सालों पहले ही जमीन तलाश ली थी लेकिन कोरोना काल के आठ महीनों में इसने भारत में जड़ें जमा ली। दर्शकों का एक बड़ा वर्ग अब इससे जुड़ा हुआ है। अनुमान है कि 2023 तक केवल भारत में ही ओटीटी का बाजार 3.6 लाख करोड़ रुपए का होगा। आने वाले समय में इसके विस्तार को देखते हुए केंद्र सरकार ने ऑनलाइन समाचार पोर्टल, ऑनलाइन कंटेंट प्रोवाइडर को सूचना एवं प्रसारण मंत्रलय के तहत लाने के लिए अधिसूचना जारी कर दी है। अब इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने ऑनलाइन मीडिया फिल्म और ऑडियो विजुअल प्रोग्राम के साथ ही सामाचार और करंट अफेयर्स कंटेंट को भी सूचना एवं प्रसारण मंत्रलय के अधीन लाने का फैसला किया है। बुधवार को भारत सरकार ने एक गजट नोटिफिकेशन के जरिए यह जानकारी दी है। यह इसलिए जरूरी है कि अभी तक देश में डिजिटल कंटेंट के नियमन के लिए कोई स्वायत्त संस्था या कानून नहीं है।

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स्वागत और विरोध दोनों

सरकार को इस कदम को लेकर मनोरंजन की दुनिया से जुड़े लोगों की प्रतिक्रिया आना शुरू हो गया है। इंडियन फिल्म एंड टीवी प्रोड्यूसर्स काउंसिल (आइएफटीपीसी) ने स्वागत किया तो जाने माने निदेशकों ने ट्वीट कर विरोध जताया।

तीन प्रकार की सेवाएं

ट्रांसेक्शन वीडियो ऑन डिमांड (टीवीओडी)-ओटीटी प्लेटफॉर्म की इस टीवीओडी सर्विस में ग्राहक अपने किसी पंसदीदा टेलीविजन शो या फिल्म को एक बार देखना चाहते हैं, तो इसके जरिये वे किराए पर ये देख सकते हैं। इसे खरीदा भी जा सकता है।

सब्सक्रिप्शन वीडियो ऑन डिमांड (एसवीओडी)-ऐसे प्लेटफॉर्म जिसमें ग्राहक मौलिक कंटेंट देख सकते हैं। जैसे नेटफ्लिक्स, अमेजन प्राइम। यदि ग्राहक वीडियो स्ट्रीमिंग कंटेट देखना पसंद करते हैं तो उन्हें इसके लिए सब्सक्रिप्शन लेना होता है।

एडवरटाइजिंग वीडियो ऑन डिमांड (एवीओडी)-इस ओटीटी सíवस में विज्ञापन मौजूद होते हैं। इसमें ग्राहक मुफ्त में कंटेंट देख सकते हैं, लेकिन ये कंटेंट देखने के साथ ही उन्हें बीच बीच में विज्ञापन भी आते हैं।

पांच प्रमुख फायदे

टीवी कार्यक्रम एवं फि़ल्में या मौलिक वेब सीरिज देखने के लिए केबल टीवी कनेक्शन या डीटीएच कनेक्शन की जरूरत नहीं है। वे इन्टरनेट कनेक्टिविटी के जरिये ही स्मार्ट मोबाइल फोन, टीबी, कम्प्यूटर, टैबलेट पर पसंदीदा शो देख सकते हैं।

ओटीटी प्लेटफॉर्म पर मौलिक वेब सीरीज, डॉक्यूमेंटरी देख सकते हैं। यह किसी और अन्य प्लेटफॉर्म में नहीं होते हैं।

कुछ ओटीटी प्लेटफॉर्म ऐसे हैं जो कि खुद के कंटेंट या सीरीज बनाकर इसमें डालते हैं। ये अमेजन प्राइम वीडियो एवं एवं नेटफ्लिक्स जैसे कुछ ओटीटी प्लेटफॉर्म हैं।

लोगों को किसी भी कार्यक्रम के लिए इंतजार करने की जरूरत नहीं है। अब वे इसे अपने समयानुसार देख सकते हैं।

अब ओटीटी प्लेटफॉर्म में बॉलीवुड की 2020 में आने वाली कुछ फिल्में भी रिलीज़ होने वाली हैं।

बढ़ रही मांग 

ओटीटी प्लेटफॉर्म की मांग बढ़ने का सबसे बड़ा कारण आसान उपलब्धता और सस्ता पैकेज है। जिस फोन में इंटरनेट कनेक्शन है वो किसी भी ओटीटी प्लेटफॉर्म में उपलब्ध वीडियो, बेवसीरिज, फिल्म और कंटेंट देख सकता है। उसके लिए आसान पैकेज भी उपलब्ध है।

सकारात्मक पक्ष

जेब पर भी कम भारी : टेलीविजन पर मासिक पैकेज 150 से कम कहीं भी नहीं है लेकिन ओटीटी जैसे तमाम प्लेटफार्म 999 या उससे कम पर साल भर के लिए उपलब्ध हैं। हालांकि अब ओटीटी में भी प्राइम और सामान्य दो वर्गो में बांट दिया गया है।

नकारात्मक पक्ष

नग्नता परोसने का आरोप : ओटीटी प्लेटफॉर्म एक ओर जहां मनोरंजन का बड़ा और सहज उपलब्ध साधन बनकर उभर रहा है। यहां तक कि समाज में नग्नता भी परोस रहा है। इसके खिलाफ लोग कोर्ट तक शरण ले चुके हैं। इसमें बालाजी प्रोडक्शन की एक वेबसीरिज भी शामिल है।

ये हैं प्‍लेटफार्म 

हॉट स्टार : देशा का सबसे बड़ा ओटीटी प्लेटफॉर्म माना जाता है। 400 मिलियन से अधिक मासिक दर्शक हैं। 17 भाषाओं में 100000 घंटे का कंटेंट उपलब्ध होने का दावा।

नेटफ्लिक्स : भारत में 2016 में लांच। मौलिक वेब सीरीज, सस्ते इंटरनेट प्लान, नई फिल्में रीलिज कर पकड़ बनाई।

अमेजन प्राइम वीडियो: भारतीय परिदृश्य आधारित कंटेंट का उत्पादन व क्षेत्रीय भाषा के साथ प्रदर्शित किया। प्राइम वीडियो के निवेश को दोगुना करने की घोषणा की।

ऑल्टबालाजी : भारतीय कंपनी हैं जो भारत में टियर 2 और टियर 3 शहरों को टारगेट किया।

सोनीलिव : 2013 में खुद की ओटीटी सíवस शुरू की और स्ट्रीमिंग मार्केट में कदम रखा।

जी5: सन 2018 में लांच हुआ था। 100 घंटों का ऑन लाइन डिमांड कंटेंट और 80 से अधिक लाइव टीवी चैनल है।

एमएक्स प्लेयर : टाइम्स इन्टरनेट द्वारा समíथत एमएक्स प्लेयर ने फरवरी 2019 में पांच मौलिक वेब सीरीज के साथ प्रवेश किया।

ये होगा असर

अश्लीलता और विचलित करने वाले दृश्यों व भाषा को नियंत्रित करने के लिए इसे मंत्रलय के अधीन लिया गया।

बोलते आंकड़े

2019 के अंत तक 150 मिलियन दर्शक।

2023 तक 3.6 लाख करोड़ रुपए का बाजार भारत में ही होंगे

300 ओटीटी प्रोवाइडर हैं

ओटीटी आइटी मंत्रालय के दायरे में आएगा। हालांकि इसके कंटेंट सूचना एवं प्रसारण मंत्रलय के दायरे में आना चाहिए। देश में प्रिंट, रेडियो, टेलीविजन, फिल्म और ओटीटी मीडिया, यह पांच अलग-अलग माध्यम हैं। इनमें से चार पर किसी न किसी तरह के नियम-कानून लागू होते हैं जबकि ओटीटी पर ऐसी कोई बाध्यता नहीं है।

-अमित खरे, सचिव, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय

यह स्वागत योग्य कदम है। इससे वेब सीरिज निर्माताओं द्वारा ली अतिरिक्त स्वाधीनता पर अंकुश लग सकेगा। मैं आश्वस्त हूं कि अंकुश लगने के बावजूद ओटीटी प्लेटफॉर्म फलेगा-फूलेगा। आने वाले समय में इसका बाजार फिल्मों के बराबर ही हो जाएगा।

-विजय गलानी, निदेशक, इंडियन फिल्म एंड टीवी प्रोड्यूसर्स काउंसिल


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