सिर्फ पीएम ही क्यों करें सीबीआइ का सामना
केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने कहा है कि कोयला आवंटन मामले में सिर्फ प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से ही क्यों पूछताछ होनी चाहिए। उनके मुताबिक, अगर मौजूदा पीएम को सीबीआइ का सामना करना पड़ता है तो 1
नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने कहा है कि कोयला आवंटन मामले में सिर्फ प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से ही क्यों पूछताछ होनी चाहिए। उनके मुताबिक, अगर मौजूदा पीएम को सीबीआइ का सामना करना पड़ता है तो 1993 के बाद के कोयला मंत्रालय संभालने वाले मंत्रियों और उनके पूर्ववर्तियों को भी जांच एजेंसी द्वारा समन भेजा जाना चाहिए।
यहां सोमवार को एक कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री कमलनाथ के बयान को लेकर सवाल पूछने पर सूचना व प्रसारण मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री की ईमानदारी पर कभी सवाल नहीं उठा है। उन्होंने जांच के राजनीतिकरण को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि अगर इस तरह का अंदाजा लगाया जा रहा है तो इसे आदर्श मानते हुए सभी पर लागू होना चाहिए। कमलनाथ ने कहा था कि अगर सीबीआइ औपचारिक अनुरोध भेजती है तो प्रधानमंत्री जांच एजेंसी के समक्ष हाजिर होंगे।
तिवारी ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री को लेकर अनुमान लगाया जा रह है तो यह भी ध्यान रखना चाहिए कि कोयला ब्लाक आवंटन 1993 से 2009 के बीच हुए थे। इस दरम्यान कई अन्य मंत्री, प्रधानमंत्री और दूसरे राजनीतिक दलों के नेता कोयला मंत्रालय के प्रभारी थे।
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