शहरी महिलाएं कर रहीं टैरेस गार्डन में जैविक खेती
ऑर्गेनिक खाद्य पदार्थ आसानी से उपलब्ध हों, इसके लिए जालंधर शहर में संभ्रांत वर्ग की महिलाओं ने जैविक खेती को अपनी जिंदगी का हिस्सा बना लिया है।
जालंधर (सत्येन ओझा)। एक समय इलीट क्लास में जंक फूड का प्रचलन तेजी से बढ़ा था। उनकी देखा-देखी अन्य लोगों ने भी इसे अपनाया। जंक फूड से जिंदगी में घुलते जहर से संभ्रांत वर्ग ने अब ऑर्गेनिक खाद्य पदार्थों पर ध्यान केंद्रित कर दिया है। ऑर्गेनिक खाद्य पदार्थ आसानी से उपलब्ध हों, इसके लिए जालंधर शहर में संभ्रांत वर्ग की महिलाओं ने जैविक खेती को अपनी जिंदगी का हिस्सा बना लिया है।
ऐसे करती हैं छत पर जैविक खेती : ये महिलाएं घर की छतों पर गमलों, लकड़ी की पेटियों, लोहे के ड्रमों में मिट्टी भरकर फल व सब्जियां उगाती हैं। इनमें वह गोबर की खाद का इस्तेमाल करती हैं। रासायनिक खादों व कीटनाशकों का वे बिल्कुल इस्तेमाल नहीं करती हैं।
ऐसे शुरू हुआ सफर : मॉडल टाउन निवासी सोशल वर्कर लिपिका कोचर का बेटा आदित्य जब तीन साल का था, तब डॉक्टरों ने साइनस की प्रॉब्लम बताते हुए तीन ऑपरेशन की सलाह दी। लिपिका कोचर ने इस सलाह पर जाने के बजाय आयुर्वेदिक चिकित्सक से संपर्क साधा। चिकित्सक ने दवा के साथ ही बच्चे के लिए ऑर्गेनिक फूड ग्रेन से बना भोजन व फल देने की सलाह दी। लिपिका ने बेटे की खातिर किसी तरह इन सबका इंतजाम किया। बेटा बिना ऑपरेशन के साइनस की बीमारी से बाहर निकलकर आज सामान्य जीवन जी रहा है। वह अब 11 साल का हो चुका है। बेटे को मिली नई जिंदगी का सुख अब उन्होंने दूसरों को बांटना अपनी जिंदगी का हिस्सा बना लिया है।
लेक्चरर व नेशनल एथलीट भी मुहिम का हिस्सा : बंगा नवांशहर निवासी राष्ट्रीय एथलीट बलजीत सिंह व गुरुनानक कॉलेज ऑफ नर्सिंग में लेक्चरर उनकी पत्नी भी इस मुहिम का हिस्सा हैं। ऑर्गेनिक फूड ग्रेन व दुग्ध उत्पाद तैयार कर वे हर संडे को यहां स्टाल लगाते हैं।
दूसरी महिलाओं को भी किया जागरूक
लिपिका कोचर ने मॉडल टाउन क्षेत्र की दूसरी महिलाओं को भी जैविक खेती के प्रति जागरूक किया। एनजीओ ‘खेती विरासत मिशन’ ने इस मुहिम को ऑक्सीजन देने का काम किया। मिशन से जुड़े तकनीकी विशेषज्ञों ने महिलाओं को टैरेस गार्डन बनाने में तकनीकी मदद देना शुरू किया। देखते ही देखते मॉडल टाउन क्षेत्र की महिलाएं इस मुहिम का हिस्सा बन गईं। हेम खोसला व रीति जैन आदि महिलाओं ने टैरेस गार्डन बनाकर ऑर्गेनिक सब्जियां ही उगाना शुरू नहीं किया, बल्कि नींबू, अनार, चीकू जैसे फल भी उगाना शुरू कर दिए। खुद अपने घर में इन फल व सब्जियों का प्रयोग करने के साथ ही ज्यादा मात्रा में पैदा होने वाली सब्जियों को एकलव्य स्कूल में संडे मार्केट में खुद बिक्री भी करती हैं।
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