राजनीतिक हिंसा के मुद्दे पर नहीं चली केरल विधानसभा
एक टीवी चैनल से बातचीत में विजयन ने कहा कि भाजपा और आरएसएस राज्य को बदनाम करने के लिए दुष्प्रचार कर रहे हैं।
तिरुअनंतपुरम, प्रेट्र। केरल विधानसभा में सत्र के पहले दिन सोमवार को राजनीतिक हिंसा का मुद्दा छाया रहा। कांग्रेस नेतृत्व वाले विपक्षी यूडीएफ ने सदन की कार्यवाही बाधित की जिसके बाद उसे दिनभर के लिए स्थगित कर दिया गया।
सदन की कार्यवाही शुरू होने पर नेता प्रतिपक्ष रमेश चेन्निथला ने राज्य में राजनीतिक हिंसा में बढ़ोतरी के लिए राज्य की माकपा सरकार की निंदा की। उन्होंने माकपा और भाजपा कार्यकर्ताओं के हिंसा चक्र की तुलना 'ब्लू ह्वेल' गेम से की। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि पुलिस हिंसा पर रोक लगाने में विफल रही है। इस पर मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा कि अपराधी चाहे किसी दल के हों, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई है।
उन्होंने कहा कि केरल को जानबूझ कर हिंसाग्रस्त क्षेत्र दिखाने का प्रयास किया जा रहा है। इससे राज्य के विकास की संभावनाओं पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। हिंसा के लिए भाजपा और आरएसएस पर प्रहार करते हुए विजयन ने कहा कि यह उनकी पार्टी सदस्य पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों से ध्यान बंटाने का प्रयास है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कानून-व्यवस्था बिगड़ने का आरोप झूठा और बेबुनियाद है। हिंसा की मामूली घटनाएं हो रही हैं।
मुख्यमंत्री के बयान से असंतुष्ट विपक्षी सदस्य नारे लगाते हुए सदन के बीच में आ गए। हंगामे को देखते हुए विस अध्यक्ष पी. श्रीरामकृष्णन ने सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी। इससे पहले सदन की कार्यवाही का बहिष्कार करते हुए भाजपा के एकमात्र सदस्य ओ. राजगोपाल ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार पुलिस का राजनीतिकरण कर रही है।
इस बीच एक टीवी चैनल से बातचीत में विजयन ने कहा कि भाजपा और आरएसएस राज्य को बदनाम करने के लिए दुष्प्रचार कर रहे हैं। हमें इससे कोई डर नहीं है क्योंकि केरल की जनता आरएसएस के बारे में जानती है।