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इनक्रिप्शन नीति की विपक्ष ने धज्जियां उड़ाईं

इनक्रिप्शन नीति के मसौदे पर केंद्र सरकार के पीछे हटने के बाद भी विपक्षी दलों ने हमला करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। कांग्रेस के मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने इनक्रिप्शन नीति की धज्जियां उड़ाते हुए इसे तुगलकी फरमान करार दिया।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Wed, 23 Sep 2015 05:21 AM (IST)Updated: Wed, 23 Sep 2015 06:04 AM (IST)
इनक्रिप्शन नीति की विपक्ष ने धज्जियां उड़ाईं

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। इनक्रिप्शन नीति के मसौदे पर केंद्र सरकार के पीछे हटने के बाद भी विपक्षी दलों ने हमला करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। कांग्रेस के मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने इनक्रिप्शन नीति की धज्जियां उड़ाते हुए इसे तुगलकी फरमान करार दिया। उनका कहना है कि इससे आम जनता के निजी जीवन में सरकार का हस्तक्षेप बढ़ेगा। आम आदमी पार्टी ने भी कहा कि नागरिकों की जासूसी करने के लिए यह प्रावधान किया जा रहा है। यह नीति देश की पूरी आबादी को एक संभावित क्रिमिनल के तौर पर देखती है।

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मोदी सरकार को घेरते हुए कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने मंगलवार को कहा कि इलेक्ट्रानिक और आइटी विभाग की इनक्रिप्शन नीति का मसौदा सबसे पहले जारी किया गया, फिर संशोधित और अंत में वापस ले लिया गया। बहुत ही घातक आयाम के सहारे यह आम लोगों की निजता में घुसपैठ की कोशिश थी। उन्होंने कहा कि भारत में वर्ष 2014 के खत्म होने तक 24.31 करोड़ इंटरनेट यूजर हैं।

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इनमें से 17.30 तो मोबाइल फोन के जरिए इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं। 11.20 करोड़ फेसबुक यूजर्स, 8 करोड़ से अधिक व्हाट्सएप यूजर्स, 2.20 करोड़ ट्विटर यूजर और 95 करोड़ से अधिक मोबाइल कनेक्शन हैं। एक अन्य वरिष्ठ कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने ट्वीट कर कहा कि सरकार की इनक्रिप्शन नीति लोगों की जिंदगी में ऑनलाइन तांकझांक और जासूसी करने का जरिया है। नेट चैटिंग पर सरकारी निगरानी के जरिए सरकार चाहती है कि 90 दिनों तक आप अपने बेडरूम में क्या करते हैं इसकी वीडियो रिकार्डिग हो।

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वहीं आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता राघव चड्ढा ने कहा कि यह मसौदा लोगों की निजी आजादी का उल्लंघन है। इससे अभिव्यक्ति की आजादी का भी हनन होता है। दूसरी ओर, माकपा की पोलित ब्यूरो की सदस्य बृंदा करात ने कई ट्वीट कर मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि वह 'गुजरात के जासूसी मॉडल' को पूरे देश पर लादना चाहती है। उन्होंने कहा कि गुजरात अमित शाह-साहेब जासूसी मॉडल को राष्ट्रीय इनक्रिप्शन नीति के रूप में कतई स्वीकार नहीं किया जाएगा।

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