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आपरेशन ग्रीन को रफ्तार पकड़ाने की तैयारी, राज्य चिन्हित

इन सब्जियों के मूल्य की संवेदनशीलता को भांपकर ही सरकार ने आपरेशन ग्रीन शुरु करने का फैसला चालू वित्त वर्ष 2018-19 के आम बजट में लिया था।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Tue, 06 Nov 2018 07:07 PM (IST)Updated: Tue, 06 Nov 2018 07:07 PM (IST)
आपरेशन ग्रीन को रफ्तार पकड़ाने की तैयारी, राज्य चिन्हित
आपरेशन ग्रीन को रफ्तार पकड़ाने की तैयारी, राज्य चिन्हित

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सरकार की महत्वाकांक्षी योजना आपरेशन ग्रीन को रफ्तार पकड़ाने की तैयारियां तेज हो गई हैं। संशोधित दिशानिर्देश जारी करने के साथ चिन्हित राज्यों की सूची जारी कर दी गई है। टमाटर, प्याज और आलू (टॉप) उत्पादक राज्यों के बड़े क्लस्टर चिन्हित कर लिये गये हैं। खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आपरेशन ग्रीन को लेकर बहुत गंभीर है।

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'आपरेशन ग्रीन' में टमाटर, प्याज और आलू जैसी अति संवेदनशील सब्जियों को प्रसंस्कृत करने और उन्हें संरक्षित करने की रणनीति के मसौदे को मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है। इनकी देशव्यापी समान आपूर्ति को लेकर मसौदा तैयार किया गया है। इन सब्जियों के मूल्य की संवेदनशीलता को भांपकर ही सरकार ने आपरेशन ग्रीन शुरु करने का फैसला चालू वित्त वर्ष 2018-19 के आम बजट में लिया था।

इन सब्जियों के प्रसंस्करण के अलावा उनकी वैल्यू चेन को मजबूत बनाने की योजना है। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने इसके लिए तात्कालिक व दूरगामी उपाय किये हैं। मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक तात्कालिक उपायों के तहत मूल्य स्थिरीकरण योजना के मार्फत नैफेड को नोडल एजेंसी नामित किया गया है। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय इसके लिए दो हिस्सों में सब्सिडी देगा। टॉप जिंसों (टमाटर, प्याज व आलू) को उत्पादक स्थलों से गोदामों तक ढुलाई और इन जिंसों के भंडारण की लागत मूल्य पर सब्सिडी दी जाएगी।

दूरगामी उपायों में प्रसंस्करण उद्योग की परियोजनाओं में कृषि उत्पादक संगठन को बनाने, गुणवत्तायुक्त उपज, पोस्ट हार्वेस्टिंग सुविधाएं मुहैया कराने, उपज की ढुलाई, खपत वाले बाजार, और मांग व आपूर्ति के बीच संतुलन बनाने पर जोर होगा। प्रत्येक परियोजनाओं के लिए अधिकतम 50 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जा सकती है, जो कुल लागत का 50 फीसद तक होगा। इसमें चिन्हित उत्पादक क्लस्टर को बनाने और किसानों के स्वयं सहायता समूह के गठन पर बल दिया जाएगा। आम बजट में केंद्रीय वित्त मंत्री आपरेशन ग्रीन के लिए पांच सौ करोड़ रुपये का प्रावधान किया था।

टमाटर उत्पादक क्षेत्रों में आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और उड़ीसा के दो-दो जिले और गुजरात का एक जिला चिन्हित किया गया है। जबकि प्याज उत्पादक क्षेत्रों में महाराष्ट्र का नासिक, कर्नाटक के दो जिले, गुजरात के दो दिले और बिहार के नालंदा में प्याज का अच्छा उत्पादन होता है। आलू के मामले में उत्तर प्रदेश के दो क्लस्टरों में छह जिले शामिल किये गये हैँ। पश्चिम बंगाल के दो जिले, गुजरात के दो और बिहार का एक जिला प्रमुख है। विधानसभा चुनाव की समाप्ति के बाद इस सूची को संशोधित किया जाएगा। 


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