NRC रिपोर्ट पर चुनाव आयोग भी सक्रिय, 40 लाख लोगों पर पैनी नजर
मुख्य चुनाव आयुक्त आेम प्रकाश रावत का कहना है कि वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर आयोग की एनआरसी की रिपोर्ट पर पैनी नजर है।
नई दिल्ली [ एजेंसी ]। नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन्स (एनआरसी) रिपोर्ट पर राजनीतिक विवाद के बीच चुनाव आयोग ने भी इस मामले में अपना दृष्टिकोण रखा है। मुख्य चुनाव आयुक्त आेम प्रकाश रावत का कहना है कि वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर आयोग की एनआरसी की रिपोर्ट पर पैनी नजर है। उन्होंने कहा कि आयोग के अफसर एनआरसी से संपर्क बनाए हुए हैं।
सीईसी रावत ने कहा कि इस रिपोर्ट में शामिल लोगों की पहचान कर और नागरिकता के दस्तावेजों से संतुष्ट होने के बाद उनका नाम मतदाता सूची में दर्ज करने के निर्देश असम के मुख्य चुनाव अधिकारी को दे दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि 4 जनवरी, 2019 को मतदाता सूची का प्रकाशन होना है। अभी हमारे पास बहुत समय है। हमने मुख्य चुनाव अधिकारी को निर्देश दिए हैं कि नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन्स के स्टेट कोऑर्डिनेटर से संपर्क करते रहें। रावत ने कहा कि हमने असम के सीईओ से एनआरसी से तालमेल कर हफ्तेभर में रिपोर्ट मांगी है।
उन्होंने कहा कि सीईओ के आंकड़े से यह ज्ञात हो जाएगा इस सूची में कितने बच्चे, नए वोटर और कितने अधेड़ या बुजुर्ग हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं और पुरुषों की भी संख्या भी हमने मांगी है। इस तरह से हमारे पास एक पूरा डाटा होगा। इससे समय रहते पूरी तस्वीर साफ हो जाएगी। उन्होंने कहा कि 40 लाख लोगों की नागरिकता के दावों की पुष्टि के बाद चुनाव आयोग अपनी तरफ से वेरिफिकेशन कर उनका नाम मतदाता सूची में दर्ज कर लेगा।
रावत ने कहा कि अगर 4 जनवरी, 2019 तक एनआरसी अपना डाटा कलेक्शन पूर्ण नहीं कर पाया तो हमारी टीम अपने सिस्टम से पूरा डाटा तैयार कर लेगी। जितने लोगों ने अपने दस्तावेज और अर्जी हमारे ERO यानी इलेक्टोरल रोल ऑफिसर के दफ्तर में जमा करा देंगे तो उनकी जांच के बाद वोटर लिस्ट में दर्ज कर लिया जाएगा। रावत ने कहा कि हम एनआरसी से बंधे नहीं हैं। हां, हम उनके डाटा से अपने डाटा का मिलान जरूर करेंगे।