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प्याज के दामों ने छुआ आसमान, गरीब की थाली से दूर हुआ प्याज, मंत्री बोले- जल्द होंगी कीमतें कम

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के चलते प्याज पर स्टॉक सीमा लगाने के प्रस्ताव पर सरकार ने अभी तक कोई फैसला नहीं लिया है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Tue, 24 Sep 2019 08:23 PM (IST)Updated: Wed, 25 Sep 2019 02:35 AM (IST)
प्याज के दामों ने छुआ आसमान, गरीब की थाली से दूर हुआ प्याज, मंत्री बोले- जल्द होंगी कीमतें कम
प्याज के दामों ने छुआ आसमान, गरीब की थाली से दूर हुआ प्याज, मंत्री बोले- जल्द होंगी कीमतें कम

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। देश के कई हिस्सों में प्याज के मूल्य 70 से 80 रुपये प्रति किग्रा तक पहुंच गये हैं। प्याज की इस महंगाई पर केंद्रीय कृषि व किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि प्याज के मूल्य कुछ ही दिनों में नीचे आ जाएंगे। केंद्रीय एजेंसी नैफेड के गोदामों से सस्ती दरों में प्याज की आपूर्ति बढ़ाने के प्रयास किये जा रहे हैं।

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प्याज आपूर्ति में कमी आने से पिछले एक महीने के भीतर मूल्य लगातार बढ़े हैं। दरअसल, प्याज उत्पादक राज्यों महाराष्ट्र व कर्नाटक में भारी बारिश और बाढ़ का प्रकोप होने से प्याज की आपूर्ति बाधित हुई है। इसके चलते देश के कुछ हिस्सों समेत राजधानी दिल्ली में प्याज के मूल्य 70 से 80 रुपये प्रति किलो बोली जाने लगी है।

प्याज का पर्याप्त स्टॉक है

केंद्रीय कृषि मंत्री तोमर ने कहा 'अगले कुछ दिनों में प्याज की हालत सुधर जाएगी। सहकारी संस्था नैफेड केंद्र के गठित बफर स्टॉक से प्याज की आपूर्ति करेगी, जिससे कीमतें नीचे आ जाएंगी। हमारे पास प्याज का पर्याप्त स्टॉक है।' तोमर मंगलवार को यहां किसानों के लिए दो मोबाइल जारी करने के एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।

तोमर ने एक सवाल के जवाब में जोर देकर कहा कि सरकार प्याज की महंगाई को समझ रही है और उसके लिए उचित कदम भी उठा रही है, लेकिन सरकार उपभोक्ताओं के साथ किसानों के हितों के बीच संतुलन बनाने की कोशिश कर रही है। तोमर ने कहा 'एक समय उपभोक्ताओं को कृषि उत्पादों के लिए अधिक मूल्य देना पड़ता है। इसके साथ एक समय ऐसा भी होता है, जब किसानों को उसके उत्पाद का बहुत कम मूल्य मिल पाता है। हमारी भूमिका इन दोनों के बीच संतुलन बनाने की भी है। हम इस सब चीजों से वाकिफ हैं। इसीलिए कई तरह के कदम उठाये जा रहे हैं।'

गोदामों में रखी प्याज की आपूर्ति

थोक सब्जी कारोबारियों का कहना ह कि खरीफ सीजन वाली प्याज किसी भी हाल में नवंबर के पहले बाजार में नहीं पहुंचेगी। इस समय बाजार में गोदामों में रखी प्याज की आपूर्ति की जा रही है, जो पिछले साल की है। लेकिन भारी बारिश के चलते प्याज की आपूर्ति बाधित हुई है। दिल्ली और देश के दूसरे हिस्से में प्याज की महंगाई रोकने के लिए केंद्र सरकार ने कई उपाय किये हैं। दिल्ली और एनसीआर में प्याज की बिक्री सरकारी खुदरा केंद्रों से की जा रही है।

केंद्र ने प्याज निर्यात को रोकने के लिए उठाए कदम

दिल्ली, त्रिपुरा और आंध्र प्रदेश ने केंद्रीय एजेंसी नैफेड से प्याज की आपूर्ति का आग्रह किया है। केंद्र ने सभी राज्यों को आगे आकर रियायती दर पर प्याज उठाने को कहा है। केंद्र के बफर स्टॉक में कुल 56 हजार टन प्याज थी, जिसमें से से 16 हजार टन प्याज बिक चुकी है। दिल्ली में रोजाना 200 टन प्याज की बिक्री की जा रही है। केंद्र ने प्याज निर्यात को रोकने के लिए ही न्यूनतम निर्यात मूल्य बहुत अधिक बढ़ाकर 850 डॉलर प्रति टन कर दिया है।

महाराष्ट्र में चुनाव के चलते प्याज पर नहीं लगी स्टॉक सीमा: पासवान

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के चलते प्याज पर स्टॉक सीमा लगाने के प्रस्ताव पर सरकार ने अभी तक कोई फैसला नहीं लिया है। केंद्रीय उपभोक्ता मामले व खाद्य मंत्री राम विलास पासवान ने कहा कि उपभोक्ताओं के हितों के साथ हमें किसानों के हितों का भी ध्यान रखना होगा। पासवान ने कहा कि हर साल सितंबर से लेकर नवंबर के बीच संवेदनशील जिंस आलू, प्याज और टमाटर की किल्लत होती है। इस बार आलू व टमाटर की पर्याप्त उपलब्धता बनी हुई है, लेकिन प्याज की किल्लत बनी हुई है।

नैफेड के गोदामों से प्याज उठाकर आपूर्ति बढ़ सकती है

पासवान ने जोर देकर राज्यों से कहा कि वे केंद्रीय एजेंसी नैफेड के गोदामों से प्याज उठाकर आपूर्ति बढ़ा सकती हैं। फिलहाल दिल्ली और त्रिपुरा ने अतिरिक्त प्याज की मांग की है, जिन्हें मंजूर कर लिया गया है। उपभोक्ता मामले के मंत्री पासवान ने सख्त लहजे में कहा कि इसके बाद भी कीमतें काबू में नहीं आईं तो जमाखोरों के खिलाफ छापेमारी की कार्रवाई शुरु की जाएगी।


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