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राशन प्रणाली में कमजोर इंटरनेट कनेक्टिीविटी बनी चुनौती, पासवान ने कहा; जल्द सुलझाएंगे समस्या

ज्यादातर पहाड़ी राज्यों ने इंटरनेट कनेक्टिविटी को लेकर अपनी कठिनाइयां गिनाईं। पासवान ने कहा कि दूर संचार मंत्री से बात कर इस समस्या का समाधान कर देंगे।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Thu, 18 Jun 2020 08:20 PM (IST)Updated: Thu, 18 Jun 2020 08:22 PM (IST)
राशन प्रणाली में कमजोर इंटरनेट कनेक्टिीविटी बनी चुनौती, पासवान ने कहा; जल्द सुलझाएंगे समस्या

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। 'वन नेशन वन राशन कार्ड' योजना की राह में कनेक्टिविटी बड़ी बाधा बनने लगी है। केंद्र के साथ राज्यों के खाद्य मंत्रियों की चर्चा में यह मुद्दा जोर शोर से उठाया गया। ज्यादातर पहाड़ी राज्यों और कई केंद्र शासित राज्यों ने इसे लेकर अपनी चुनौतियां गिनाईं। वीडियो कांफ्रेंसिंग की अध्यक्षता कर रहे केंद्रीय उपभोक्ता मामले और खाद्य मंत्री राम विलास पासवान ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा कि इसके लिए जल्दी ही वह अपने मंत्रिमंडलीय सहयोगी दूरसंचार मंत्री से चर्चा करेंगे। इस समस्या का समाधान भी शीघ्र कर लिया जाएगा।

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एक अगस्त तक तीन और राज्यों के जुड़ जाने की संभावना

केंद्र सरकार की लोकप्रिय योजना 'वन नेशन वन राशन कार्ड' में अब तक 20 राज्य जुड़ चुके हैं। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत चल रही राशन प्रणाली के तहत इस योजना में किसी भी राज्य का उपभोक्ता दूसरे राज्य की किसी भी राशन दुकान से अपने हिस्से का अनाज उठा सकता है। योजना में एक अगस्त तक तीन और राज्यों के जुड़ जाने की संभावना है। केंद्र सरकार इसे हर हाल में मार्च 2021 तक देश भर में लागू करना चाहती है। पासवान बृहस्पतिवार उन 13 राज्यों के खाद्य मंत्रियों से विचार विमर्श कर उनकी प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने बताया कि ज्यादातर पहाड़ी राज्यों ने इंटरनेट कनेक्टिविटी को लेकर अपनी कठिनाइयां गिनाईं। पासवान ने कहा कि दूर संचार मंत्री से बात कर इस समस्या का समाधान कर देंगे।

बैठक में अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, नगालैंड, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर व अंडमान निकोबार ने बताया कि उनके यहां इंटरनेट कनेक्शन बहुत धीमी गति से चलता है या नहीं मिल पाता है। इसके चलते बायोमीट्रिक आधारित प्वाइंट आफ सेल (पीओएस) मशीनों से खाद्यान्न का वितरण संभव नहीं हो पाता है। इसके बगैर योजना पर अमल में मुुश्किलें पेश आ रही हैं।


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