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वन नेशन वन कार्ड, प्रवासी मजदूरों को मिलेगा लाभ

सरकार उच्चतम प्राथमिकता के साथ डिजिटल भुगतान को भी बढ़ावा दे रही है। पीडीएस वस्तुओं के कुशल वितरण का पालन करने लिए अंगुली की छाप से आधार प्रमाणीकरण किया जा रहा है। इससे यूपीआई एईपीएस आदि के जरिए कैशलेस पेमेंट में भी मदद मिल रही है।

By Vineet SharanEdited By: Published: Fri, 12 Feb 2021 08:55 AM (IST)Updated: Fri, 12 Feb 2021 08:55 AM (IST)
वन नेशन वन कार्ड,  प्रवासी मजदूरों को मिलेगा लाभ
एनएफएसए का लक्ष्य जरूरतमंदों को बुनियादी अधिकार और लाभ प्रदान करना है। इस पर प्राथमिकता से काम हो रहा है।

नई दिल्ली, जेएनएन। भारत सरकार ने हाल में 'वन नेशन वन कार्ड' योजना शुरू की है। इसका मकसद गरीबी रेखा के नीचे रहने वालों के साथ-साथ प्रवासी मजदूरों को फायदा पहुंचाना है। एनएफएसए का लक्ष्य जरूरतमंद परिवारों को बुनियादी अधिकार और लाभ प्रदान करना है। इस योजना पर प्राथमिकता के साथ काम हो रहा है।

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एनएफएसए का लक्ष्य पूरा करने के लिए राज्य भी मदद कर रहे हैं। राज्य दुकानों के आवंटन की प्रक्रिया को निष्पक्ष बना रहे हैं। वहीं तकनीकी मदद के लिए खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग एवं एनआईसी को निर्देश दिए जा चुके हैं। सरकार उच्चतम प्राथमिकता के साथ डिजिटल भुगतान को भी बढ़ावा दे रही है। पीडीएस वस्तुओं के कुशल वितरण का पालन करने लिए अंगुली की छाप से आधार प्रमाणीकरण किया जा रहा है। इससे यूपीआई, एईपीएस आदि के जरिए कैशलेस पेमेंट में भी मदद मिल रही है। इस प्रक्रिया से मूल्य पर भी कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा है। दोनों लक्ष्य एक प्लाइंट ऑफ सेल (पीओएस) उपकरण और अंगुठे के निशान के जरिए पूरे हो जा रहे हैं।

विक्रेता और अधिकारियों की मदद से तकनीकी आवश्यकताओं के अनुसार उचित मूल्य स्वचालन की इस प्रक्रिया में संशोधन और सुधार होता रहता है। ऐड-ऑन प्रीक्वालिफिकेशन के साथ डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड की इनबिल्ट सुविधा को शामिल करना इस उद्देश्य को प्रतिबंधित करती है। पर इससे योजना की कीमत बढ़ जाती है।

उदाहरण के लिए, केरल पीडीएस में - माइक्रो एटीएम, बिहार पीडीएस में - माइक्रो एटीएम और असम में पीडीएस - इनबिल्ट EMV प्रमाणन के साथ कार्ड स्वाइपिंग सुविधा मिल रही है। इस कारण से असम में पीडीएस टेंडर का मूल्य 47 रुपये प्रति क्विंटल/माह है। जबकि भारत सरकार का नियम 17 रुपये प्रति क्विंटल/माह की इजाजत देता है। वहीं बिहार मे भी यह मूल्य भारत सरकार की सीमा से 300 फीसद ज्यादा है।

इसलिए यह सही समय है जब उच्च अधिकारी सही तकनीकी प्रक्रिया को चुनें, जिससे पब्लिक फंड की बर्बादी न हो। यह मौका है जब हमें वन नेशन वन कार्ड स्कीम का समर्थन करना चाहिए। 


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