सेहत व जिंदगी दोनों की हिफाजत करेगी एक बीमा योजना
वह दिन दूर नहीं जब आपको अलग से जीवन बीमा और स्वास्थ्य बीमा कराने की जरूरत नहीं पड़ेगी। बस एक बीमा कराना होगा, उसी से सेहत, जीवन और दुर्घटना जैसी सुरक्षा मिल जाएगी।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली । वह दिन दूर नहीं जब आपको अलग से जीवन बीमा और स्वास्थ्य बीमा कराने की जरूरत नहीं पड़ेगी। बस एक बीमा कराना होगा, उसी से सेहत, जीवन और दुर्घटना जैसी सुरक्षा मिल जाएगी। दरअसल, सरकार भांति-भांति की बीमा योजनाओं की जगह एक ऐसी बीमा योजना शुरू करने पर विचार कर रही है जिसमें स्वास्थ्य, जीवन और साधारण बीमा की सभी खूबियां मौजूद हों। प्रस्तावित योजना के तहत कम से कम दो लाख रुपये का जीवन बीमा तथा 50 हजार रुपये से अधिक का स्वास्थ्य बीमा होगा। यह योजना गरीबों को मुफ्त में मिलेगी। हालांकि, संपन्न वर्ग को इसके लिए एक हजार रुपये तक प्रीमियम चुकाना पड़ सकता है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना क्रियान्वयन समिति की बैठक
वित्त मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि बैंकिंग एवं वित्तीय सेवा विभाग समग्र अध्ययन कर सभी नागरिकों के लिए विभिन्न बीमा योजनाओं को मिलाकर एक योजना बनाने पर विचार कर रहा है। इसके अलावा विभाग इसके उपयुक्त विकल्प की तलाश भी कर रहा है। विभाग ने यह कदम बीमा योजनाओं के संबंध में प्रधानमंत्री की बैठक के बाद उठाया है।
फिलहाल प्रधानमंत्री बीमा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना और स्वास्थ्य बीमा योजनाएं चलती हैं। इसके अलावा लोगों को अपनी गाड़ी तथा अन्य कीमती वस्तुओं की सुरक्षा के लिए अलग से बीमा कराना पड़ता है। सूत्रों ने कहा कि नई योजना 'यूनिवर्सल लाइफ एंड हेल्थ एश्योरेंस स्कीम' नाम से हो सकती है। इसमें प्रधानमंत्री जीवन बीमा योजना और स्वास्थ्य बीमा योजनाओं को मिलाया जा सकता है। ऐसा होने पर नई बीमा योजना के तहत दो लाख रुपये का जीवन बीमा तथा 50,000 रुपये से अधिक का स्वास्थ्य बीमा कवर सभी लोगों को मुहैया कराया जा सकेगा। 10 करोड़ गरीबों को सरकार यह सुविधा मुफ्त में देगी। वहीं संपन्न वर्ग के लोगों को इसके लिए करीब एक हजार रुपये प्रीमियम भरना होगा। इसमें पूरे परिवार के स्वास्थ्य बीमा की खातिर बतौर प्रीमियम 670 रुपये लिए जाएंगे। जबकि 330 रुपये जीवन बीमा के प्रीमियम के तौर पर देने होंगे।
सूत्रों ने कहा कि नई बीमा योजना पर लगभग 10,000 करोड़ रुपये खर्च आने की संभावना है। हालांकि, इसका खर्च केंद्र और राज्य 60:40 के अनुपात में साझा करेंगे। नई योजना का मकसद अलग-अलग बीमा योजनाओं की जटिलता से मुक्ति दिलाना है। इसके अलावा इस योजना के तहत स्वास्थ्य सेवाओं के मानक तय किए जाएंगे और अच्छे अस्पतालों में लोगों को इलाज की सुविधा मुहैया कराई जाएगी। योजना के लाभार्थियों की सभी जानकारी ऑनलाइन रखी जाएगी। वे कैशलेस स्वास्थ्य सुविधा का लाभ ले सकेंगे।