हर पांच में से खाने की एक वस्तु मिलावटी व नकली
सेहत के लिए सिर्फ फॉस्ट फूड ही नहीं, दालें, तेल, दूध और घी जैसे खाद्य पदार्थ भी खतरनाक साबित हो सकते हैं।
नई दिल्ली। सेहत के लिए सिर्फ फॉस्ट फूड ही नहीं, दालें, तेल, दूध और घी जैसे खाद्य पदार्थ भी खतरनाक साबित हो सकते हैं। सरकारी खाद्य सुरक्षा प्रयोगशालाओं में खाद्य पदार्थों की हुई जांच में हर पांच में एक नमूना मिलावटी और नकली पाया गया। इसमें पहला नंबर उत्तर प्रदेश का है, उसके बाद पंजाब और मध्य प्रदेश में सबसे अधिक मिलावटी व नकली खाद्य पदार्थ पाए गए।
भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) द्वारा जारी सार्वजनिक प्रयोगशालाओं की जांच रिपोर्ट के अनुसार, इस वर्ष अब तक 2,795 मामलों में 10.93 करोड़ रुपये जुर्माना वसूला गया है, जबकि 1,402 मामलों में दोषियों को सजा सुनाई गई।
मालूम हो, केंद्र सरकार, एफएसएसएआई को और मजबूत करने के लिए 1,750 करोड़ रुपये का प्रस्ताव तैयार कर रही है। राज्य सरकारों द्वारा संकलित रिपोर्ट के अनुसार, खाद्य सुरक्षा प्रयोगशालाओं को जांच के लिए इस वर्ष 24 नवंबर तक 83,265 नमूने मिले। उनमें 74,010 का परीक्षण किया गया। इनमें से 74,010 नमूने मिलावटी व नकली (असली ब्रांड से मिलते-जुलते) पाए गए। सबसे अधिक 5.98 करोड़ रुपये जुर्माना उत्तर प्रदेश के मिलावट खोरों पर लगाया गया।
2,676 आपराधिक मामले दर्ज
रिपोर्ट के अनुसार, मिलावट व नकली खाद्य पदार्थों के मामलों में 2,676 आपराधिक केस दर्ज किए गए। वहीं 7,860 सिविल केस दायर किए गए। 1,402 केस में दोषियों को सजा सुनाई गई।
मैगी पर प्रतिबंध से उठा मुद्दा
इस वर्ष जून में मैगी पर प्रतिबंध लगने के बाद से खाने की चीजों की सुरक्षा और एफएसएसएआइ का मुद्दा उठा था। हालांकि बांबे हाई कोर्ट ने बाद में मैगी पर से प्रतिबंध हटा लिया। अगस्त में सुप्रीम कोर्ट ने एफएसएसएआइ के उस निर्देश को खारिज कर दिया कि किसी वस्तु में मिश्रित तत्वों को अनुमति देने के बाद भी निर्माता अपने उत्पाद की उससे मंजूरी लें।
कहां-कितने नमूने मिलावटी व नकली
राज्य नमूने
उप्र 4,119
- पंजाब 1,458
- मप्र 1,412
- गुजरात 1,243
- महाराष्ट्र 1,162
- तमिलनाडु 1,047