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Indian Science Congress: 108वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस का कल होगा आगाज, प्रधानमंत्री मोदी करेंगे उद्घाटन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 108वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस के पूरे सत्र का उद्घाटन करेंगे। समारोह का विषय महिला सशक्तिकरण के साथ सतत विकास के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर आधारित है। (फाइल फोटो)

By Edited By: Ajay SinghPublished: Mon, 02 Jan 2023 04:33 PM (IST)Updated: Mon, 02 Jan 2023 04:33 PM (IST)
Indian Science Congress: 108वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस का कल होगा आगाज, प्रधानमंत्री मोदी करेंगे उद्घाटन
पीएम नरेंद्र मोदी कल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 108 वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस का आगाज करेंगे।

मुंबई, एएनआई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 108वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस के पूरे उद्घाटन सत्र का उद्घाटन करेंगे। उद्घाटन समारोह सुबह 9.30 बजे शुरू होगा। राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय (RTMNU) द्वारा अपने अमरावती रोड परिसर में कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। 108वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस उद्घाटन समारोह में महाराष्ट्र के राज्यपाल और महाराष्ट्र सार्वजनिक विश्वविद्यालयों के चांसलर, भगत सिंह कोश्यारी, केंद्रीय मंत्री और आरटीएमएनयू शताब्दी समारोह की सलाहकार समिति के अध्यक्ष, नितिन गडकरी, विज्ञान और प्रौद्योगिकी और पृथ्वी विज्ञान के लिए केंद्रीय राज्य मंत्री, जितेंद्र सिंह, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस शामिल होंगे।

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"महिला सशक्तिकरण के साथ सतत विकास के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी" पर आधारित

राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय के चांसलर सुभाष आर. चौधरी और भारतीय विज्ञान कांग्रेस एसोसिएशन (आईएससीए) कोलकाता के महासचिव डॉ. विजय लक्ष्मी सक्सेना प्रमुख रूप से उपस्थित रहेंगे। 108वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस समारोह का विषय "महिला सशक्तिकरण के साथ सतत विकास के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी" पर आधारित है। आम जनता के लिए सार्वजनिक वार्ता और प्रदर्शनियां खुली हैं।

तकनीकी सत्रों को 14 भागों में बांटा गया

108वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस के तकनीकी सत्रों को 14 भागों में बांटा गया है, जिसके तहत महात्मा जोतिबा फुले विश्वविघालय के शैक्षिक क्षेत्र के विभिन्न स्थानों पर समान रूप से आयोजित किए जाएंगे। बता दें कि इन 14 वर्गों के अलावा, एक महिला विज्ञान कांग्रेस, एक किसान विज्ञान कांग्रेस, एक बाल विज्ञान कांग्रेस, एक जनजातीय बैठक, विज्ञान और समाज पर और एक विज्ञान संचारक कांग्रेस पर आधारित सत्र का आयोजन होगा।

तकनीकी सत्र में यह भाग हैं शामिल

आयोजित किए जा रहे पूरे सत्र में अंतरिक्ष, रक्षा, आईटी और चिकित्सा अनुसंधान सहित विभिन्न प्रकार के क्षेत्रों के नोबेल पुरस्कार विजेता, प्रमुख भारतीय और विदेशी रिर्सचर्स , विशेषज्ञ और टेक्नोक्रेट शामिल होंगे। तकनीकी सत्र कृषि और वानिकी विज्ञान, पशु, पशु चिकित्सा और मत्स्य विज्ञान, मानव विज्ञान और व्यवहार विज्ञान, रासायनिक विज्ञान, पृथ्वी प्रणाली विज्ञान, इंजीनियरिंग विज्ञान, पर्यावरण विज्ञान, सूचना और संचार विज्ञान और तकनीकी, मटेरियल विज्ञान, गणितीय विज्ञान, चिकित्सा विज्ञान, नई जीव विज्ञान, भौतिक विज्ञान और पादप विज्ञान शामिल हैं।

108वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस का आकर्षण केंद्र है मेगा एक्सपो "प्राइड ऑफ इंडिया"

108वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस आयोजन का प्रमुख आकर्षण केंद्र मेगा एक्सपो "प्राइड ऑफ इंडिया" है। भारतीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी के बड़े पैमाने पर प्रमुख विकास, प्रमुख उपलब्धियां और महत्वपूर्ण योगदान को प्रदर्शनी में प्रदर्शित किया जाएगा। यह सभी वैज्ञानिक दुनिया के पूरे कैनवास को कवर करने वाले सैकड़ों नए विचारों, इनोवेशन्स और उत्पादों को एक साथ लाएगा। प्राइड ऑफ इंडिया पूरे देश में सरकार, कॉर्पोरेट, सार्वजनिक उपक्रमों, शैक्षणिक और अनुसंधान एवं विकास संस्थानों, इनोवेटर्स, इंटरप्रेन्योरियों की ताकत और उपलब्धियों को प्रदर्शित करता है।

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"विज्ञान ज्योत" कार्यक्रम का आज हुआ आगाज

आज भारतीय विज्ञान कांग्रेस की परंपरा "विज्ञान ज्योत" कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। जिसमें 400 से अधिक स्कूल और कॉलेज के छात्र जीरो माइलस्टोन पर एकत्रित हुए और विशेष टोपी और टी-शर्ट पहनकर विश्वविद्यालय परिसर में एक रैली में आगे बढ़ते रहे थे। उन्होंने अपने जीवन में वैज्ञानिक सोच को अपनाने का संकल्प लिया। आईएससीए की जनरल प्रेसिडेंट, डॉ. (श्रीमती) विजय लक्ष्मी सक्सेना ने उनसे आग्रह किया कि वे केवल एक विषय के रूप में विज्ञान का अध्ययन न करें, बल्कि वे जो कुछ भी करते हैं उसे जीवन का हिस्सा बनाएं। विज्ञान ज्योत - ज्ञान की ज्वाला - की कल्पना ओलंपिक लौ के आधार पर की गई थी। यह समाज विशेषकर देश के युवाओं में वैज्ञानिक सोच के पोषण के लिए एक आंदोलन समान है। ज्वाला को विश्वविद्यालय परिसर में स्थापित किया गया था और यह 108वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस के अंत तक जलती रहेगी।

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