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जानिए क्‍यों दो दुल्‍हनों को लेने पड़े एक दूल्‍हे के साथ सात फेरे, शादी से पहले खूब हुआ ड्रामा

ग्राम मुचनार में यह शादी लोगों के लिए यादगार बनने के साथ इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है। इस शादी की खास बात यह भी रही की इस शादी को सामाजिक तौर पर स्‍वीकार भी किया गया।

By Prateek KumarEdited By: Published: Mon, 27 May 2019 05:51 PM (IST)Updated: Mon, 27 May 2019 06:12 PM (IST)
जानिए क्‍यों दो दुल्‍हनों को लेने पड़े  एक दूल्‍हे के साथ सात फेरे, शादी से पहले खूब हुआ ड्रामा
जानिए क्‍यों दो दुल्‍हनों को लेने पड़े एक दूल्‍हे के साथ सात फेरे, शादी से पहले खूब हुआ ड्रामा

दंतेवाड़ा (राज्‍य ब्‍यूरो)। एक मंडप में दो दुल्‍हनों की शादी तो आपने देखी होगी मगर एक ही दूल्‍हे से शादी यह जान कर आश्‍चर्य में पड़ जाएंगे आप। जी हां यह मामला है छत्‍तीसगढ़ के दंतेवाड़ा का। दंतेवाड़ा के बारसूर इलाके में यह अनोखी शादी हुई जो पूरे इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है। यहां एक ही मंडप पर एक दूल्हे के साथ दो दुल्हनों ने सात फेरे लिए और पति-पत्नी के रूप में साथ-साथ रहने का फैसला लिया। इस शादी की सबसे खास बात यह रही कि दोनों लड़कियों ने सौतन के रूप में एक-दूसरे को दिल से स्वीकार भी किया।

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इलाके में चर्चा का विषय

ग्राम मुचनार में यह शादी लोगों के लिए यादगार बनने के साथ इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है। इस शादी की खास बात यह भी रही की इस शादी को सामाजिक तौर पर स्‍वीकार भी किया गया। इस अनोखी शादी में सभी बड़े-बुजुर्गों ने भी हिस्सा लिया और शादी पूरे सामाजिक रीति-रिवाजों के साथ संपन्न हुई। बड़े-बुजुर्गों ने कहा कि यह शादी विचित्र है। उन्होंने अपने जीवन में अब तक ऐसी शादी ना तो करवाई थी और ना ही देखी थी।

शादी से पहले इस तरह शुरू हुई कहानी

इस विवाह की कहानी महानगरों की तरह लिव इन रिलेशनशिप से शुरू होकर शादी तक पहुंची है। दरअसल ग्राम मुचनार के युवक बीरबल का करीब तीन साल पहले करेकोट की युवती सुमनी से परिचय हुआ। दोनों के बीच प्यार हो गया। इसके बाद सुमनी, मुचनार आकर बीरबल के साथ पत्नी की तरह रहने लगी। कुछ माह में ही उनके प्यार में खोट दिखने लगा और सुमनी मायके चली गई।

दूसरी पत्‍नी के आने के बाद पहली पत्‍नी भी लौट आई

बीरबल ने उसे मनाने की कोशिश की, लेकिन सुमनी नहीं लौटी। करीब दो साल बाद पिछले दिनों बीरबल बारसूर के चालकीपारा निवासी युवती प्रतिभा को अपने घर ले आया। इस पर परिजनों ने दोनों के सामाजिक तौर पर विवाह की तैयारी शुरू कर दी। इसकी जानकारी मिलने पर सुमनी भी मुचनार पहुंचकर बीरबल पर अपना हक जताने लगी। वह कहने लगी कि मैं बीरबल के साथ रहना चाहती हूं। उधर प्रतिभा भी अपने फैसले पर अडिग रहकर बीरबल की पत्नी बनने के लिए अड़ी रही।

बुजुर्गों की पंचायत के बाद तय हुई शादी

यह बात परिवार से गांव और समाज के बीच पहुंची। तब बुजुर्गों ने तीनों को साथ बिठाकर उनकी बातें और राय सुनी। इसके बाद बीरबल का विवाह सुमनी और प्रतिभा से एक साथ करने का निर्णय लिया गया। जिसे दोनों युवतियां ही नहीं, बीरबल और उसके परिजनों ने भी स्वीकार किया। बुजुर्गों की मौजूदगी में सुमनी और प्रतिभा, बीरबल के साथ रविवार को एक मंडप पर एक साथ फेरे लिए और एक साथ रहने का सात वचन दोहराया। गांव के लोग इस अनोखी शादी के साक्षी बने।

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