सरकार के निशाने पर ऐसे आए अलीगढ़ के कट्टीघर, बदबू से परेशान थे शहरवासी
योगी सरकार ने एक साल पहले ही अवैध रूप से चल रहे कट्टीघरों पर रोक लगा दी थी। खास बात यह है कि पिछले साल किए गए गोदामों के ताले कैसे खुल गए, यह शहर में चर्चा का विषय का बना हुआ है।
अलीगढ़ (जेएनएन)। योगी सरकार ने एक साल पहले ही अवैध रूप से चल रहे कट्टीघरों पर रोक लगा दी थी, लेकिन शहर में अवैध रूप से रोजाना पशुओं की अवैध रूप से कट्टी हो रही थी। हालात यह हो गए थे कि शाम ढलते ही कई दिनों से शहर में बदबू फैलना शुरू हो गया था। शिकायतें ज्यादा हुई तो प्रशासन ने इसे गंभीरता से ले लिया है।
प्रशासन ने अवैध कट्टी घरों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। शहर को बदबूघर बनाने वाले अवैध कट्टीघर सील चर्बी की दुर्गध से त्रस्त लाखों लोगों की 'मूक' आवाज आखिरकार जिला प्रशासन के कानों तक पहुंच ही गई। कमेला रोड पर सात घंटे चली छापेमारी के बाद 15 अवैध कट्टीघरों को सील कर दिया। ये वही हैं, जो पूर्व में सील किए गए थे। यहां अब भी कटान भी होते मिला। जिला प्रशासन का कहना है कि ये सभी गोदाम ध्वस्त कराए जाएंगे। इनके मालिकों के खिलाफ एफआइआर भी दर्ज कराई जाएगी।
लाखों लोग थे परेशान
चर्बी की दुर्गध से लाखों लोग बेहाल थे। कई बार डीएम से लेकर अखबार के दफ्तरों तक लोग पीड़ा बयां कर चुके थे। डीएम के निर्देश पर एडीएम सिटी एसबी सिंह की अगुवाई में पुलिस, नगर निगम, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व मुख्य पशु चिकित्सा विभाग की टीम ने चार बजे से कमेला रोड स्थित मकदूम नगर से कार्रवाई शुरू की। इन्हें देखते ही मजदूर व गोदाम स्वामी भाग खड़े हुए। यहां बड़ी मात्रा में पशुओं के अपशिष्ट सड़ते मिले। कई जगह दिनदहाड़े पशु काटे जा रहे थे। कई गोदामों से पशु काटने की मशीन व नमक भी बरामद हुआ। दर्जनों वाहनों में मीट व अपशिष्ट लदे मिले।
यह भी पढ़ेंःखत्म हो रही है कंट्टीघर से अलीगढ़ की पहचान
पंद्रह गोदाम व वाहन किए सील
एडीएम सिटी एसबी सिंह ने बताया कि कमेला रोड पर हाजी सलीम अतरौली वाले, हाजी जावेद, यामीन, रईस, छोटे, ताहिर, आस मोहम्मद, बबलू बाबू, आजाद, हाजी मुकीम, समरू, बाबा रफीक समेत 15 गोदाम व मीट लदे दर्जनों वाहन सील किए गए हैं। इनके मालिकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करके जेल भेजा जाएगा। गोदाम भी ध्वस्त कराए जाएंगे। मीट अवशेष दफना दिया गया है।
यह भी पढ़े ः वैध कट्टीघरों में होता 'अवैध' कटान
कार्रवाई के दौरान ये रहे मौजूद
इस मौके पर सिटी मजिस्ट्रेट नलिनीकांत सिंह, सीओ विशाल पाडेय, नायब तहसीलदार राजकुमार गुप्ता, कर अधीक्षक अजीत कुमार राय, अहमद हसन, एहसान रब, आरसी सैनी, डॉ. प्रतीक, डॉ. कुशलपाल, डॉ सुमित, इंस्पेक्टर कोतवाली राजीव सिरोही आदि मौजूद रहे।
किसकी शह पर टूटे सील कट्टीघरों के ताले
प्रशासन भले ही कट्टीघरों पर बड़ी कार्रवाई को लेकर अपनी पीठ थपथपाए, पर इसका जवाब कौन देगा कि पिछले साल सील किए गए गोदाम खुल कैसे गए? पुलिस या प्रशासन की चप्पे-चप्पे पर नजर है तो इसकी खबर कैसे नहीं हुई? हुई तो चुप्पी मारे क्यों बैठे रहे? आखिर किसकी शह से इन्हें गुपचुप खोला गया? करोड़ों के अवैध कारोबार की अघोषित हरी झंडी दिखा दी गई? जब शहर के लाखों लोग दुर्गध से बेहाल हुए।
सवाल यह भी है
तभी क्यों चेते? ये सवाल इसलिए है, क्योंकि योगी सरकार के बनते ही जिले के दो दर्जन से अधिक कट्टीघर सील किए गए थे। दर्जनभर के खिलाफ रिपोर्ट भी कराई गई थी। लगा था कि अब अवैध कट्टीघर नहीं चलेंगे। पर, बेखौफ धंधेबाजों ने सील तोड़कर गोदाम में ही फिर कटान शुरू कर दिया।
पुलिस पर मिलीभगत का आरोप
चर्चा है कि स्थानीय पुलिस को अवैध कटान की पूरी जानकारी थी। गश्त के दौरान भी कटान चलता था। पुलिस फिर भी मुंह फेरे रहती थी। बताते हैं कि अवैध कटान में वैध कट्टीघरों की भी बड़ी भूमिका है। ये लोग यहां से मीट लेकर निर्यात करते हैं। पहले भी इनकी पोल खुल चुकी है।
जीना हुआ हराम
सराय हकीम के रहने वाले धर्मेश गुप्ता बताते हैं कि छह दिन से बदबू की वजह से उल्टियां हो जाती थीं। एक तरह से जीना हराम था। अब राहत है।
अफसरों की है मिली भगत
जयगंज के रहने वाले मुनीष सक्सेना का कहना है कि अवैध कटान में पुलिस, नगर निगम व प्रशासनिक अफसरों की मिलीभगत है। कार्रवाई से अच्छे की उम्मीद है।
अवैध कटान बर्दाश्त नहीं
जिलाधिकारी चंद्रभूषण सिंह का कहना है कि 15 अवैध कट्टीघरों को सील कर दिया गया है। आगे भी कठोर कार्रवाई जारी रहेगी। किसी भी कीमत पर अवैध कटान बर्दाश्त नहीं करेंगे।