Move to Jagran APP

sawan: पहले सोमवार पर उमड़ा भोले के भक्तों का सैलाब, मंदिरों में हर-हर महादेव की गूंज

श्रीकाशी विश्वनाथ की नगरी में भक्तों के भाव से हरियाले सावन का रंग केसरिया नजर आया। बाबा के प्रिय मास के पहले सोमवार को देश के विभिन्न पावन शिवलिंगो में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Mon, 22 Jul 2019 11:01 PM (IST)Updated: Mon, 22 Jul 2019 11:27 PM (IST)
sawan: पहले सोमवार पर उमड़ा भोले के भक्तों का सैलाब, मंदिरों में हर-हर महादेव की गूंज
sawan: पहले सोमवार पर उमड़ा भोले के भक्तों का सैलाब, मंदिरों में हर-हर महादेव की गूंज

नई दिल्ली, जेएनएन। सावन के पहले सोमवार पर भगवान भोलेनाथ का आशीर्वाद पाने के लिए शिवालयों में भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। देवघर, वाराणसी, देहरादून और उज्जैन सहित देशभर के शिवालयों में सुबह से ही भोले भक्तों की कतारें देखने को मिलीं।

loksabha election banner

भक्तों की लगीं कतारें
देवघर के बाबा धाम में तो सुबह नौ बजे तक मंदिर से करीब 15 किलोमीटर दूर तक भक्तों की कतार बन गई। बाबा अमरनाथ की पवित्र गुफा में भी विशेष पूजा अर्चना की गई। उज्जैन में राजाधिराज भगवान महाकाल की श्रावण मास की पहली सवारी सोमवार को निकली।

उत्तराखंड में रुद्रप्रयाग स्थित केदारनाथ धाम, उत्तरकाशी के काशी विश्वनाथ मंदिर, ऋषिकेश के नीलकंठ मंदिर समेत पंच केदार में भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। देवाधिदेव श्रीकाशी विश्वनाथ की नगरी में भी भक्तों के भाव से हरियाले सावन का रंग केसरिया नजर आया। बाबा के प्रिय मास के पहले सोमवार को ज्योतिर्लिग आदि विश्वेश्वर के दर्शन-जलाभिषेक को कुछ इस तरह कांवरियों व श्रद्धालुओं का रेला उमड़ा कि श्रद्धा का समंदर लहराने का अहसास कराया।

देवघर में दो लाख ने किया जलार्पण
झारखंड के देवघर बाबा धाम में देश के कोने-कोने से आए तकरीबन दो लाख शिवभक्तों ने बाबा पर जलार्पण किया। जलार्पण करने की होड़ में रविवार की शाम से ही शिवभक्तों की लंबी कतार लगी थी, जो देर रात दो बजे तक लंबी होते होते कुमैठा स्टेडियम तक जाकर थमी। तकरीबन 15 किलोमीटर लंबी कतार को सहेजने और व्यवस्थित करने में प्रशासन को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। सतर्कता व पुलिस के धैर्य के कारण कोई विकट स्थिति उत्पन्न नहीं हुई।

श्री अमरनाथ की पवित्र गुफा
सावन के पहले सोमवार को बाबा अमरनाथ की पवित्र गुफा में विशेष पूजा अर्चना की गई। यात्रा मार्ग से लेकर पवित्र गुफा तक बम-बम भोले के जयघोष गूंजते रहे। पुजारियों ने शिवलिंग की आरती की और महामृत्युंजय का पाठ भी किया। इस दौरान भोले के भक्त भी शिव की भक्ति में लीन रहे। श्रीनगर में शंकराचार्य मंदिर, जम्मू संभाग के चिनैनी में सुद्धमहादेव, रियासी में शिवखोड़ी और जम्मू के रणवीरेश्वर मंदिर व पीरखो सहित विभिन्न मंदिरों में तड़के ही श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया था। श्रावण मास में भगवान शिव के दर्शनों का विशेष महत्व है। यही वजह है कि अमरनाथ श्रद्धालुओं की संख्या में बढ़ोतरी हुई है।

चांदी की पालकी में भगवान महाकालेश्वर
मध्य प्रदेश के उज्जैन में राजाधिराज भगवान महाकाल की श्रावण मास की पहली सवारी सोमवार को निकली। करीब एक लाख भक्तों ने प्रजा का हाल जानने चांदी की पालकी में सवार होकर निकले राजा के दर्शन किए। भक्तों को मनमहेश रूप में महाकाल के दर्शन हुए। सवारी मंदिर में पूजन के बाद शाम करीब 4 बजे शुरू हुई। इसके बाद परंपरागत मागरें से मोक्षदायिनी शिप्रा के तट रामघाट पहुंची। यहां शिप्रा जल से भगवान का अभिषेक किया गया। इसके बाद सवारी मंदिर लौट गई।

उत्तराखंड में गूंजे शिवालय
उत्तराखंड के शिवालयों में जलाभिषेक को शिवभक्तों का तांता लगा रहा। रुद्रप्रयाग स्थित केदारनाथ धाम, उत्तरकाशी के काशी विश्वनाथ मंदिर, ऋषिकेश के नीलकंठ मंदिर समेत पंच केदार में भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। कुमाऊं के जागेश्वर धाम, बागनाथ मंदिर व महादेव गुफा में भी श्रद्धालुओं का दिनभर तांता लगा रहा। विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी, ओंकारेश्वर ऊखीमठ एवं तृतीय केदार तुंगनाथ में भक्तों ने भोले बाबा की पूजा-अर्चना कर जलाभिषेक किया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.