शोध पर विश्वविद्यालयों का बेरूखा रवैया, यूजीसी ने जताई नाखुशी
शोध और इनोवेशन को बढ़ावा देने में जुटी सरकार की मुहिम में विश्वविद्यालयों की बेरूखी सामने आई है।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। शोध और इनोवेशन को बढ़ावा देने में जुटी सरकार की मुहिम में विश्वविद्यालयों की बेरूखी सामने आई है। इसका अंदाजा प्रत्येक उच्च शिक्षण संस्थानों में इनोवेशन काउंसिल गठित करने की सरकार की उस पहल से लगाया जा सकता है, जिसमें अब तक सिर्फ एक सैकड़ा विश्वविद्यालयों ने ही आगे बढ़कर रजिस्ट्रेशन कराया है।
यह स्थिति तब है, जब देश में मौजूदा समय में आठ सौ से ज्यादा विश्वविद्यालय है। इनमें 47 केंद्रीय विवि, 385 राज्य विवि, 281 निजी विवि और 131 डीम्ड विवि है।
वहीं विश्वविद्यालयों के इस रवैए को लेकर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने नाखुशी जताई है, साथ ही विश्वविद्यालयों से 20 नवंबर तक काउंसिल गठित करने को कहा है। यूजीसी ने इस संबंध में मुहिम में शामिल न होने वाले विश्वविद्यालयों को पत्र भी लिखा है।
वहीं एक अक्टूबर से शुरू की गई सरकार की इस मुहिम से अब तक देश के करीब आठ सौ उच्च शिक्षण संस्थान ही जुड़े है, हालांकि इनमें ज्यादातर इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट और दूसरे उच्च शिक्षण संस्थान शामिल है। मंत्रालय से जुड़े सूत्रों के मुताबिक देश में उच्च शिक्षण संस्थानों की काफी बड़ी संख्या है, ऐसे में संस्थानों का आगे न आना एक चिंताजनक पहलू है।
यही वजह है कि सरकार ने यूजीसी और एआइसीटीसी (अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद) से इस दिशा में पहल तेज करने को कहा है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय की इस मुहिम के तहत प्रत्येक उच्च शिक्षण संस्थान में शोध और इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए एक काउंसिल का गठन किया जाना है। जो अधिकतम 25 सदस्यीय हो सकता है।
इनमें 10 से 15 छात्रों को भी बतौर सदस्य शामिल करने का प्रावधान है। इसके अलावा इसकी अध्यक्षता संस्थान के वरिष्ठ प्राध्यापक के जिम्मे होगा, जबकि इनमें उद्योग और शोध संस्थानों के भी एक-एक प्रतिनिधि को बतौर सदस्य रखने का प्रावधान है। मंत्रालय की इस मुहिम का मकसद प्रत्येक संस्थान में शोध और इनोवेशन को लेकर एक माहौल पैदा करना है।
संस्थानों को इसके तहत काउंसिल का गठन कर उसका रजिस्ट्रेशन भी कराना है। योजना के तहत यह काउंसिल सीधे मानव संसाधन विकास मंत्रालय की निगरानी में काम करेगी। साथ ही अपने काम-काज को भी सरकार के साथ साझा करेगी।