'सुनहरे शब्दों से लिखा जाएगा आज का दिन', नए संसद भवन के उद्घाटन पर बोले केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा
नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में का विपक्ष ने बहिष्कार कर दिया जिसको लेकर भाजपा उनपर हमलावर नजर आई। भाजपा नेता ने कहा कि इससे साबित होता है कि विपक्ष को लोकतंत्र का बिल्कुल सम्मान नहीं है।
नई दिल्ली, एएनआई। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रविवार को राष्ट्र को समर्पित किए गए नए संसद भवन की सराहना की और इस कार्यक्रम के बहिष्कार के लिए विपक्ष पर भी हमला किया। जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि इस कार्यक्रम को सुनहरे शब्दों में लिखा जाएगा और विपक्ष से इस पर राजनीति नहीं करनी चाहिए।
'अमृत काल में एक नए विश्वास के साथ आगे बढ़ेंगे'
भाजपा नेता मुंडा ने कहा, "पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा नई संसद का उद्घाटन इतिहास में सुनहरे शब्दों में लिखा जाएगा। यह हमेशा के लिए देश के संवैधानिक सिद्धांतों का प्रतिनिधित्व करेगा। पूरे इतिहास में, हमारे पास औपनिवेशिक काल की संसद थी। अब, हम एक साथ नई संसद, अमृत काल में एक नए विश्वास और विचार प्रक्रिया के साथ आगे बढ़ेंगे।"
'75 साल में विपक्ष ने आदिवासियों के लिए किया क्या'
अर्जुन मुंडा ने कहा, "उन्हें (विपक्ष को) खुद से पूछना चाहिए कि उन्होंने 75 साल में आदिवासियों के लिए क्या किया। जब बीजेपी ने द्रौपदी मुर्मू को अध्यक्ष बनाया, तो वे उन्हें हराने के लिए एक साथ आए। अब वे राष्ट्रपति के बारे में बात कर रहे हैं? विपक्षी दलों को नहीं करना चाहिए। उन्हें राजनीति नहीं करनी चाहिए और लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में हिस्सा लें।"
'संसद लोकतंत्र का पवित्र मंदिर'
भाजपा नेता हरनाथ यादव ने इस दिन को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि सभी को इस दिन का इंतजार था। उन्होंने कहा, "आज इस देश के सभी 145 करोड़ लोग नए संसद भवन को देख रहे हैं। संसद लोकतंत्र का पवित्र मंदिर है और संविधान संसद की आत्मा है। संसद वह जगह है, जहां 145 करोड़ लोग संस्था में अपनी आशा और विश्वास व्यक्त करते हैं।"
उन्होंने कहा, "आज का दिन देश के लिए एक ऐतिहासिक दिन है और हम उन सभी स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मान देते हैं, जिन्होंने देश के लिए लड़ते हुए अपने प्राणों की आहुति दी।"
'उद्घाटन समारोह का बहिष्कार बेहद आपत्तिजनक'
उद्घाटन समारोह के बहिष्कार के लिए विपक्ष पर निशाना साधते हुए भाजपा नेता ने कहा कि पार्टियों ने देश के संस्थानों में सभी सम्मान खो दिया है। भाजपा नेता ने कहा, "कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों द्वारा उद्घाटन समारोह का बहिष्कार बेहद आपत्तिजनक है। इससे पता चलता है कि उन्हें अब संसद में विश्वास नहीं है और वे अब देश के संविधान और लोकतंत्र का सम्मान नहीं करते हैं।"
'देश का हाल श्रीलंका और पाकिस्तान जैसा होगा'
यादव ने कहा, "अगर संवैधानिक मूल्यों का सम्मान नहीं किया गया, तो देश श्रीलंका और पाकिस्तान जैसा हो जाएगा। विपक्ष देश को इसी रास्ते पर ले जाना चाहता है, लेकिन उनकी आकांक्षाएं कभी पूरी नहीं होंगी। इससे जनता खुश नहीं है। विपक्षी दलों के पास अभी भी समय है और उन्हें सोचना चाहिए और उद्घाटन समारोह में भाग लेना चाहिए।"
'कई साल पहले से थी नए संसद की जरूरत'
नए संसद भवन पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में एक नई शक्ति उभर रही है। उन्होंने कहा, "भारत के इस 'अमृत काल' के दौरान और पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, एक नई शक्ति का उदय हो रहा है। भारत के सभी 140 करोड़ लोग इसका स्वागत करने के लिए तैयार हैं। यह सौभाग्य की बात है कि नरेंद्र मोदी के पास निर्णय लेने की शक्ति थी। कई साल पहले इस संसद को हटाने और एक नई संसद बनाने की जरूरत है।"
पीएम मोदी ने की सेंगोल की स्थापना
इससे पहले आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा कक्ष में एक पट्टिका का अनावरण और 'सेंगोल' स्थापित कर नए संसद भवन को राष्ट्र को समर्पित किया। इससे पहले आज पीएम मोदी ने नए भवन के निर्माण में शामिल कुछ श्रमिकों को सम्मानित किया। उन्होंने उन्हें स्मृति चिन्ह सौंपे। प्रधानमंत्री मोदी ने पूजा करने के बाद, नए लोकसभा कक्ष में अध्यक्ष की कुर्सी के ठीक बगल में पवित्र 'सेनगोल' स्थापित किया। पीएम मोदी ने समारोह के दौरान 'सेंगोल' के सामने सम्मान के निशान के रूप में भी प्रणाम किया।
अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस
संसद का नवनिर्मित भवन, जो भारत की गौरवशाली लोकतांत्रिक परंपराओं और संवैधानिक मूल्यों को और समृद्ध करने का काम करेगा, अत्याधुनिक सुविधाओं से भी लैस है, जो सदस्यों को अपने कार्यों को बेहतर तरीके से करने में मदद करेगा। नए संसद भवन को 888 सदस्यों को लोकसभा में बैठने में सक्षम बनाने के लिए डिजाइन किया गया है।
भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए संसद के नवनिर्मित भवन में लोकसभा में 888 और राज्य सभा में 384 सदस्यों की बैठक कराने की व्यवस्था की गई है। दोनों सदनों का संयुक्त सत्र लोकसभा चैंबर में होगा। संसद के वर्तमान भवन में लोक सभा में 543 तथा राज्यसभा में 250 सदस्यों के बैठने का प्रावधान है।