पुलिसिया अत्याचार की ऐसी घटना पहले कभी नहीं देखी
वीरभूम जिले के पारुइ में बीते सप्ताह भाजपा समर्थित परिवार की महिला पर पुलिसिया अत्याचार की घटना पर राष्ट्रीय महिला आयोग ने कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए सख्त टिप्पणी की है। शनिवार को पीड़ित महिला का हालचाल जानने वीरभूम के सातोर गांव पहुंची राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष ललिता कुमारमंगलम
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। वीरभूम जिले के पारुइ में बीते सप्ताह भाजपा समर्थित परिवार की महिला पर पुलिसिया अत्याचार की घटना पर राष्ट्रीय महिला आयोग ने कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए सख्त टिप्पणी की है। शनिवार को पीड़ित महिला का हालचाल जानने वीरभूम के सातोर गांव पहुंची राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष ललिता कुमारमंगलम ने कहा कि महिला अत्याचार की ऐसी घटना इससे पहले उन्होंने कभी नहीं देखी।
पीड़िता से बातचीत के बाद संवाददाताओं से उन्होंने कहा कि उन्होंने पीड़िता पीडि़ता से अकेले में बात की है। फिलहाल वह काफी डरी हुई है। उन्होंने पीड़िता के जख्म भी देखे हैं और उसका बयान दर्ज किया है। उन्होंने कहा कि राजनीति अपनी जगह है, लेकिन ऐसी घटनाएं कतई नहीं होनी चाहिए। ऐसी घटना ना घटे इसकी जिम्मेदारी पुलिस व प्रशासन की होनी चाहिए।
महिला आयोग की टीम सुबह करीब 11 बजे सातोर गांव पहुंची। वहां करीब दो घंटे तक पीडि़ता, परिजनों व गांववालों से बातचीत के बाद टीम वहां से बोलपुर सर्किट हाउस गई। यहां कुमारमंगलम ने जिले के एसपी आलोक राजोरिया, बोलपुर के एसडीपीओ व अन्य अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की और एसपी से घटना का विवरण लिया।
आयोग ने पुलिस अधिकारियों को महिला व उनके परिजनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया। इसके बाद कोलकाता रवाना होने से पहले उन्होंने कहा कि पीडि़ता व पुलिस अधिकारियों का बयान उन्होंने दर्ज कर लिया है और जल्द रिपोर्ट तैयार कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
गौरतलब है कि बीती 17 जनवरी को तृणमूल नेता के घर पर हमले के मामले में आरोपी एक भाजपा समर्थक की तलाश में पारुई थाने की पुलिस उसके घर पहुंची थी। जब वह नहीं मिला तो उसकी चाची को पुलिस अपने साथ ले गई और थाने न ले जाकर पुलिसवालों ने उसके शरीर पर ब्लेड से कई वार किए। लाठी से पिटाई की। कपड़े फाड़ दिए और गुप्तांग में खुजली वाले पत्ते रगड़ दिए। उसकी दोनों हाथों की अंगुलियों को भी तोड़ दिया। इन सबके अलावा भी उस पर रात भर अत्याचार किया गया। इस घटना में वह बुरी तरह घायल हो गई।
शुक्रवार को सीआइडी ने भी मामले की जांच शुरू की। पीड़िता परिवार सीबीआइ जांच चाहता है। शनिवार को पीडि़ता के पति ने आरोप लगाया कि तृणमूल कार्यकर्ता उन्हें लगातार धमका रहे हैं। शुक्रवार रात उनके घर के बाहर भीषण बमबाजी की गई। तृणमूल कार्यकर्ताओं उन्हें मामला वापस लेने के लिए लगातार धमकी दे रहे हैं।