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कोरोना का विस्‍तार रोकने की पुरानी रणनीति फेल, अब नई आक्रामक रणनीति पर होगा काम

टेस्टिंग कांट्रैक्ट ट्रेसिंग और आइसोलेशन के माध्यम से कोरोना वायरस को कंट्रोल करने की रणनीति दिल्ली गुजरात और महाराष्ट्र में फेल होने लगी है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Thu, 07 May 2020 08:46 PM (IST)Updated: Thu, 07 May 2020 08:46 PM (IST)
कोरोना का विस्‍तार रोकने की पुरानी रणनीति फेल, अब नई आक्रामक रणनीति पर होगा काम
कोरोना का विस्‍तार रोकने की पुरानी रणनीति फेल, अब नई आक्रामक रणनीति पर होगा काम

नीलू रंजन, नई दिल्ली। टेस्टिंग, कांट्रैक्ट ट्रेसिंग और आइसोलेशन के माध्यम से कोरोना वायरस को कंट्रोल करने की रणनीति दिल्ली, गुजरात और महाराष्ट्र में फेल होने लगी है। यहां कोरोना पीड़ि‍तों के कई क्‍लस्टर बन जाने और बड़े पैमाने पर आउटब्रेक के बाद यह पता लगाना मुश्किल हो गया है कि किसी में वायरस में संक्रमण कहां से हुआ। यानी यह सामुदायिक संक्रमण जैसी स्थिति है यही नहीं, उसके कांटैक्ट में आने वाले सभी लोगों की पहचान भी मुश्किल हो गई है। 

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टेस्टिंग की क्षमता बढ़ाते हुए अधिक से अधिक टेस्ट करने को कहा

इसके अलावा एक बार थमने के बाद तमिलनाडु और हरियाणा में फिर से नए सिरे से बड़ी संख्या में आए मामलों ने चिंता और बढ़ा दी है। स्वास्थ्य मंत्रालय अब कोरोना को रोकने के लिए दूसरी आक्रमक नीतियों पर विचार कर रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि दिल्ली, गुजरात और महाराष्ट्र में पुरानी रणनीति से हालात को काबू में लाना मुश्किल साबित हो रहा है। नई रणनीति में टेस्टिंग का विस्तार भी शामिल है।

पीड़ि‍त सभी व्यक्तियों का कोरोना टेस्ट होगा

उन्होंने कहा कि इन राज्यों को टेस्टिंग की क्षमता बढ़ाते हुए अधिक से अधिक टेस्ट करने को कहा है। उन्होंने कहा कि कोरोना के मरीजों के ढूंढकर निकालने के लिए घर-घर सर्वे और सर्दी-जुकाम, बुखार और खांसी से पीड़ि‍त सभी व्यक्तियों का कोरोना टेस्ट सुनिश्चित करना होगा। कोरोना के मरीजों की जल्दी पहचान किये बिना उससे फैलने वाले संक्रमण को रोकना संभव नहीं है। केंद्र ओर से भेजी गई अंतर मंत्रालीय टीमें अधिक से अधिक टेस्ट कर मरीजों की जल्दी पहचान सुनिश्चित करेगा। 

नहीं तो आ सकते हैं बड़ी संख्या में कोरोना के हॉटस्पॉट

हरियाणा और तमिलनाडु में नए मामलों ने अभी तक अछूते रहे इलाके में संक्रमण की आशंका को बढ़ा दिया है। लॉकडाउन में छूट के बाद के यह ज्यादा खतरनाक रूप धारण कर सकता है। इसके लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को सर्दी-खांसी-जुकाम और बुखार वाले सभी मरीजों का पता लगाकर उनका कोरोना टेस्ट सुनिश्चित करने को कहा है। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यदि इसे कड़ाई से लागू नहीं किया गया, तो बड़ी संख्या में कोरोना के हॉटस्पॉट सामने आ सकते हैं। 

कई राज्‍यों में गाइडलाइन का नहीं हो रहा पालन   

वैसे आइसीएमआर ने टेस्टिंग की अपनी गाइडलाइंस में पूरे देश में इस तरह के रोगियों के कोरोना टेस्ट का निर्देश दिया था, लेकिन कई राज्यों में कड़ाई से इसका पालन नहीं किया जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने खासतौर पर पश्चिम बंगाल और तेलंगाना को टेस्ट की संख्या बढ़ाने को कहा है। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अब टेस्टिंग और केवल टेस्टिंग के सहारे से कोरोना को फैलने से रोका जा सकता है और इसीलिए राज्यों को अधिक-से-अधिक टेस्टिंग करने को कहा जा रहा है। 


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