प्रतिनियुक्ति पर तय अवधि से अधिक रुकने वाले अधिकारियों को कार्रवाई की चेतावनी
आदेश के मुताबिक वर्तमान में प्रतिनियुक्ति वाले अधिकारियों समेत प्रतिनियुक्त अधिकारी को अवधि की समाप्ति की तारीख पर कार्यमुक्त माना जाएगा जब तक कि अवधि खत्म होने से पहले सक्षम प्राधिकारी ने आवश्यक अनुमोदन के साथ प्रतिनियुक्ति अवधि को लिखित में बढ़ा न दिया हो।
नई दिल्ली, पीटीआई। विदेश में नियुक्ति समेत अपनी प्रतिनियुक्ति पर तय अवधि से अधिक समय तक रुकने वाले अधिकारियों को केंद्र सरकार ने अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी है।
कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग ने जारी किया आदेश
कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने नवीनतम आदेश में केंद्र सरकार के सभी मंत्रालयों और विभागों को सभी प्रतिनियुक्ति मामलों की स्थिति की समीक्षा करने और दोषी अधिकारियों के पक्ष में प्रतिनियुक्ति की स्वीकृत अवधि से अधिक समय तक रुकने वाले मामलों को बंद करने में देरी से बचने के लिए कहा है।
क्या कहा गया आदेश में
आदेश के मुताबिक, 'वर्तमान में प्रतिनियुक्ति वाले अधिकारियों समेत प्रतिनियुक्त अधिकारी को अवधि की समाप्ति की तारीख पर कार्यमुक्त माना जाएगा, जब तक कि अवधि खत्म होने से पहले सक्षम प्राधिकारी ने आवश्यक अनुमोदन के साथ प्रतिनियुक्ति अवधि को लिखित में बढ़ा न दिया हो।' 22 मार्च के आदेश के अनुसार, यह सुनिश्चित करना वरिष्ठ अधिकारी की जिम्मेदारी है कि प्रतिनियुक्त अधिकारी समय से अधिक न रुकें। साथ ही अधिकारी के किसी भी कारण से समय से अधिक रहने की स्थिति में उस अवधि को पेंशन के लिए आवश्यक अवधि में शामिल नहीं किया जाएगा।
अधिक अवधि तक रुकने के दौरान कोई भी वेतनवृद्धि मूल कैडर में फिर शामिल होने की तारीख तक स्थगित रहेगी। सरकार ने कहा कि यह मुख्य रूप से प्रतिनियुक्ति पर लेने वाले संगठनों की जिम्मेदारी है कि वे सुनिश्चित करें कि अधिकारी को प्रतिनियुक्ति कार्यकाल की समाप्ति पर कार्यमुक्त किया जाए। नियमों के तहत प्रतिनियुक्ति के कार्यकाल विस्तार के लिए कोई भी प्रस्ताव कार्यकाल की समाप्ति से पहले शुरू किया जाना चाहिए। साथ ही प्रतिनियुक्ति के कार्यकाल का विस्तार प्रशासनिक मंत्रालय या संबंधित विभाग के मंत्री की मंजूरी के साथ एक बार में सात वर्ष से अधिक नहीं हो सकता।