टीम के रूप में काम करें अधिकारी: मोदी
जब अधिकारी एक ही जगह बैठते हैं तो वे प्रयोग करना भूल जाते हैं। अगर प्रयोग नहीं होगा तो बदलाव कैसे आएगा। जोखिम के बिना कोई प्रयोग नहीं हो सकता।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अधिकारियों को देश के विकास और लोगों की भलाई के लिए मिलकर काम करने तथा बदलाव के वाहक की भूमिका निभाने को कहा है। प्रधानमंत्री ने अधिकारियों से लोगों के साथ जुड़ने और कुछ नया करने के लिए प्रयोग करने का आह्वान भी किया।
सिविल सेवा दिवस के मौके पर यहां अधिकारियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ लोग अलग-अलग होकर काम करते हैं। टीम के रूप में काम करने से अधिक अच्छे परिणाम मिलते हैं न कि अलग-थलग होने से। इसलिए राष्ट्र निर्माण के लिए अलग-थलग होकर काम करने की प्रवृत्ति को छोड़कर हमें मिल जुलकर काम करने की शैली को अपनाना होगा।
मोदी ने कहा कि शुरु में सिविल सेवा की भूमिका एक नियामक की थी। इसके बाद इनकी भूमिका एक प्रशासक और नियंत्रक की बन गयी। समय बदलने के साथ ही सिविल सेवकों को प्रबंधन कौशल हासिल करने की भी जरूरत है। समय बदल रहा है। अब सिर्फ प्रशासक या नियंत्रक रहना पर्याप्त नहीं है। आज जरूरत इस बात की है कि प्रत्येक व्यक्ति को हर स्तर पर बदलाव का कारक बनने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि हमें बदलाव लाने की जरूरत है। जब अधिकारी एक ही जगह बैठते हैं तो वे प्रयोग करना भूल जाते हैं। अगर प्रयोग नहीं होगा तो बदलाव कैसे आएगा। जोखिम के बिना कोई प्रयोग नहीं हो सकता। जब हम प्रयोग नहीं करते हैं तब यह महज एक नौकरी बनकर रह जाता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वह हमेशा प्रयोग को प्रोत्साहित करते हैं। जो लोग अलग तरह से काम करते हैं और प्रयोग करते हैं उन्हें भिन्न तरह की संतुष्टि मिलती है। मोदी ने अपने पौने घंटे के भाषण में अधिकारियों को अपने जूनियर अधिकारियों के ज्ञान और अनुभव से भी लाभान्वित होने को कहा।
मोदी ने कहा कि उनका मंत्र सुधार से बदलाव का है। सिविल सेवकों के लिए इसका अर्थ सुधार से प्रदर्शन और बदलाव होना चाहिए। अगर सिविल सेवक बेहतर प्रदर्शन करते हैं तो जमीन पर बदलाव साफ नजर आएगा।
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