श्रीहरिकोटा से ISRO ने लॉन्च किया PSLV–C54 रॉकेट, Oceansat–3 और 8 अन्य नैनो सैटेलाइट कक्षा में होंगी स्थापित
PSLV–C54 Launch ISRO आज ओशनसैट सहित आठ अन्य नैनो सैटेलाइट्स को लॉन्च किया। ओशनसैट के अलावा इसमें सबसे महत्वपूर्ण सैटेलाइट है भूटानसैट (BhutanSat aka INS-2B). भूटानसैट यानी इंडिया-भूटान का ज्वाइंट सैटेलाइट है जो एक टेक्नोलॉजी डिमॉन्सट्रेटर है। नैनो सैटेलाइट है।
नई दिल्ली,एजेंसी। इसरो (ISRO) ने आज श्रीहरीकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर के लॉन्च पैड वन ओशनसैट-3 (OceanSat) सैटेलाइट लॉन्च किया। लॉन्चिंग पीएसएलवी-एक्सएल (PSLV-XL) रॉकेट से की जाएगी। साथ ही 8 नैनो सैटेलाइट्स भी लॉन्च किया गया है।
#WATCH तमिलनाडु: इसरो ने श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में PSLV-C54 रॉकेट लॉन्च किया। pic.twitter.com/WTnEzOjGpb
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 26, 2022
ISRO ने PSLV C54/EOS06 लॉन्च किया, इसे ओशनसैट-3 के नाम से भी जाना जाता है। साथ ही आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से 8 नैनो उपग्रहों को लॉन्च किया गया।
8 नैनो सैटेलाइट्स भी किए गए लॉन्च
रॉकेट का प्राथमिक पेलोड एक ओशनसैट है जिसे कक्षा -1 में अलग किया जाएगा। जबकि आठ अन्य नैनो-उपग्रहों को आवश्यकताओं (सूर्य-तुल्यकालिक ध्रुवीय कक्षाओं में) के आधार पर विभिन्न कक्षाओं में रखा जाएगा।
इसरो का ये मिशन वैज्ञानिकों द्वारा किए गए सबसे लंबे समय तक चलने वाले मिशनों में से एक होगा। इसरो ने कहा कि अंतिम पेलोड पृथक्करण 528 किमी की ऊंचाई पर होने की उम्मीद है। अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट-6 ओशनसैट श्रृंखला में तीसरी पीढ़ी का उपग्रह है।
यह उन्नत पेलोड विनिर्देशों के साथ-साथ अनुप्रयोग क्षेत्रों के साथ ओशनसैट -2 अंतरिक्ष यान की निरंतरता सेवाएं प्रदान करना है। मिशन का उद्देश्य परिचालन अनुप्रयोगों को बनाए रखने के लिए समुद्र के रंग और पवन वेक्टर डेटा की डेटा निरंतरता सुनिश्चित करना है।
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ग्राहक पेलोड में भूटान के लिए इसरो नैनो सैटेलाइट -2 (आईएनएस -2 बी) शामिल है जिसमें दो पेलोड नामतः नैनोएमएक्स और एपीआरएस-डिजीपीटर होंगे। NanoMx अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र द्वारा विकसित एक मल्टीस्पेक्ट्रल ऑप्टिकल इमेजिंग पेलोड है, जबकि APRS-Digipeater पेलोड संयुक्त रूप से सूचना प्रौद्योगिकी और दूरसंचार विभाग, भूटान और यू आर राव सैटेलाइट सेंटर, बेंगलुरु द्वारा विकसित किया गया है।
पिक्सेल अपना तीसरा हाइपरस्पेक्ट्रल उपग्रह प्रक्षेपित करने को तैयार है। ‘आनंद' एक हाइपरस्पेक्ट्रल लघु उपग्रह है जिसका वजन 15 किलोग्राम से कम है, लेकिन इसमें 150 से अधिक तरंगदैर्ध्य हैं जो इसे आज के गैर-हाइपरस्पेक्ट्रल उपग्रहों (जिनकी तरंग दैर्ध्य 10 से अधिक नहीं है) की तुलना में अधिक विस्तार से पृथ्वी की तस्वीरें लेने में सक्षम बनाएंगी।
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