स्तनपान कराती महिला की फोटो विवाद पर कोर्ट- अश्लीलता देखने वालों की आंखों में...!
यह याचिका फेलिक्स एमए ने दायर की थी। उन्होंने अपनी याचिका में कहा था कि पत्रिका ने आवरण पृष्ठ पर तस्वीर छापकर कानून का उल्लंघन किया है।
कोच्चि, पीटीआइ। केरल हाई कोर्ट ने मलयालम की पाक्षिक पत्रिका के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने वाली याचिका खारिज कर दी। पत्रिका ने अपने कवर पेज पर एक मॉडल की स्तनपान कराती तस्वीर छापी थी, जिसके खिलाफ याचिका दायर की गई थी। याचिका खारिज करते हुए अदालत ने कहा, 'कुछ की नजर में जो चीज अश्लील है वह किसी और की नजर में कलाकृति हो सकती है। एक आदमी की अश्लीलता दूसरे आदमी के लिए गीत है।'
चीफ जस्टिस एंटोनी डोमिनिक और जस्टिस दामा सेशाद्रि नायडू की पीठ ने कहा, 'हम नहीं देख पा रहे हैं कि इस फोटो में कुछ अश्लील है। न ही इसके कैप्शन में पुरुषों के लिए कुछ आपत्तिजनक है। हमने इस तस्वीर को उसी आंखों से देखा जिससे हम राजा रवि वर्मा की पेंटिंग्स को देखते हैं। जिस तरह खूबसूरती देखने वालों की आंखों में होती है, उसी तरह अश्लीलता भी आंखों में होती है।'
यह फैसला हाई कोर्ट ने मार्च में सुनाया था, लेकिन इसे अब सार्वजनिक किया गया है। जस्टिस डोमिनिक अब सेवानिवृत्त हो चुके हैं। यह याचिका फेलिक्स एमए ने दायर की थी। उन्होंने अपनी याचिका में कहा था कि पत्रिका ने आवरण पृष्ठ पर तस्वीर छापकर कानून का उल्लंघन किया है। मैगजीन के कवर पेज का विरोध करने वालों की आपत्ति इस बात को लेकर भी है कि तस्वीर में जोसेफ ने मंगलसूत्र और सिंदूर धारण किया है, जबकि वह ईसाई हैं।