ओबीसी की पिछड़ी जातियों की पहचान में लगेगा और वक्त
सरकार ने इसे लेकर गठित किए गए आयोग के कार्यकाल को 12 हफ्ते के लिए और बढ़ा दिया है। जो अब 20 जून तक अपनी रिपोर्ट देगा।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। आरक्षण के बाद भी ओबीसी की पिछड़ी रह गई जातियों को चिन्हित करने में अभी और वक्त लगेगा। सरकार ने इसे लेकर गठित किए गए आयोग के कार्यकाल को 12 हफ्ते के लिए और बढ़ा दिया है। जो अब 20 जून तक अपनी रिपोर्ट देगा। अभी तक आयोग को अप्रैल 2018 तक रिपोर्ट देनी थी। सरकार ने आयोग के कार्यकाल को बढ़ाने की यह मंजूरी दूसरी बार दी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को बुलाई गई कैबिनेट बैठक में इसे मंजूरी दी गई है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने आयोग की मांग के बाद इसके कार्यकाल को बढ़ाने का प्रस्ताव दिया था। पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) सब-कैटेगरी आयोग का गठन 2 अक्टूबर 2017 को सेवानिवृत्ति न्यायाधीश जी रोहिणी की अध्यक्षता में किया गया था। इसके तहत आयोग को 12 हफ्ते में अपनी रिपोर्ट देनी थी। लेकिन आयोग के बढ़ते काम को देखते हुए सरकार ने दूसरी बार उसके कार्यकाल को बढ़ाने की मंजूरी दी है। हालांकि यह भी स्पष्ट कर दिया गया है कि यह अंतिम बढ़ोत्तरी होगी। इसके बाद इसके कार्यकाल में कोई विस्तार नहीं दिया जाएगा।